उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पड़रौना क्षेत्र में जल्द ही एक नई चीनी मिल, डिस्टलरी और सीएनजी प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। साथ ही, यह औद्योगिक निवेश जिले के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगा। राज्य सरकार द्वारा इस योजना को हरी झंडी दिए जाने के बाद स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है।
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कृषि क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा
कुशीनगर क्षेत्र में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, लेकिन चीनी मिलों की कमी के कारण किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अन्य जिलों का रुख करना पड़ता है। इससे उनकी लागत बढ़ जाती है और समय भी अधिक लगता है। नई चीनी मिल बनने से किसानों को अपने ही जिले में गन्ने की पेराई की सुविधा मिलेगी, जिससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि समय और परिवहन लागत की भी बचत होगी।
डिस्टलरी और सीएनजी प्लांट की स्थापना से गन्ने के उप-उत्पादों का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा। डिस्टलरी के माध्यम से एथेनॉल उत्पादन होगा, जो सरकार की एथेनॉल मिश्रण नीति के तहत पेट्रोलियम उत्पादों के साथ मिलाया जाएगा। वहीं, सीएनजी प्लांट से पर्यावरण के अनुकूल ईंधन का उत्पादन होगा, जो हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगा।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
इस परियोजना से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। चीनी मिल, डिस्टलरी और सीएनजी प्लांट के संचालन के लिए तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मियों की आवश्यकता होगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, इस परियोजना के कारण परिवहन, कृषि उपकरण, मशीनरी और अन्य सहायक उद्योगों का भी विकास होगा, जिससे और अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
राज्य सरकार का मानना है कि इस परियोजना से कुशीनगर क्षेत्र में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा और पलायन की समस्या भी कम होगी। अब तक कई युवा रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर जाते थे, लेकिन इस मिल और प्लांट की स्थापना से उन्हें अपने ही जिले में काम करने का अवसर मिलेगा।
सरकार का बढ़ता औद्योगिक फोकस
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। गन्ना किसानों के हित में उठाए गए इस कदम से चीनी उद्योग को भी मजबूती मिलेगी। सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ाया जाए ताकि पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता कम हो और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देने में भी मदद करेगी। उन्होंने बताया कि गन्ना उत्पादकों को समय पर भुगतान दिलाने के लिए भी कड़े निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे उन्हें किसी प्रकार की समस्या न हो।
पर्यावरण को भी होगा लाभ
सीएनजी प्लांट और डिस्टलरी के माध्यम से अपशिष्ट पदार्थों का सही उपयोग किया जाएगा, जिससे पर्यावरण प्रदूषण कम होगा। एथेनॉल और सीएनजी जैसे जैविक ईंधनों के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल ‘मिशन क्लीन एनर्जी’ के तहत सरकार की ग्रीन एनर्जी नीति के अनुरूप है।
स्थानीय लोगों में खुशी की लहर
इस परियोजना की घोषणा के बाद स्थानीय किसानों और युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। किसानों को उम्मीद है कि अब उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा और उन्हें समय पर भुगतान भी होगा। वहीं, युवाओं को रोजगार मिलने से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी।
कुशीनगर के पड़रौना में बनने वाली यह चीनी मिल, डिस्टलरी और सीएनजी प्लांट न केवल गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी, बल्कि क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगी। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को भी मजबूती मिलेगी। सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।