नोएडा: जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में एक नई समस्या उभरकर सामने आई है, जिससे परियोजना की समयसीमा पर संकट गहरा गया है। यमुना प्राधिकरण के अनुसार, इस महत्वपूर्ण परियोजना में विदेशी सहयोगियों द्वारा उत्पन्न की गई बाधाएं अब निर्माण कार्य को प्रभावित कर रही हैं, जिससे सितंबर में उड़ानें शुरू होने की संभावना पर संकट मंडराने लगा है।
निर्माण कार्य में देरी Jewar Airport
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में विदेशी कंपनियों द्वारा दी जाने वाली तकनीकी और उपकरणों की आपूर्ति में देरी हो रही है। इसके कारण परियोजना के विभिन्न चरणों में अवरोध उत्पन्न हो रहे हैं। यमुना प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रमुख उपकरण और तकनीकी विशेषज्ञता, जो कि विदेशी कंपनियों से अपेक्षित थी, समय पर नहीं पहुंच पा रही है।
परियोजना की प्रगति
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अब तक तेजी से चल रहा था और योजना के अनुसार, सितंबर 2024 तक यहां से उड़ानें शुरू होनी थीं। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह लक्ष्य अब संदिग्ध हो गया है। अधिकारी ने कहा कि हम सभी अवरोधों को समय पर दूर करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन विदेशी आपूर्तियों में देरी के कारण निर्माण कार्य की गति पर प्रभाव पड़ा है।
यमुना प्राधिकरण का कदम
यमुना प्राधिकरण इस स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक योजनाओं पर विचार कर रहा है। प्राधिकरण ने स्थानीय संसाधनों और तकनीकी विशेषज्ञता को अधिकतम उपयोग में लाने का निर्णय लिया है ताकि निर्माण कार्य को जारी रखा जा सके। साथ ही, विदेशी कंपनियों के साथ वार्ता तेज कर दी गई है ताकि उपकरणों और तकनीकी विशेषज्ञों की आपूर्ति में हो रही देरी को कम किया जा सके।
भविष्य की संभावनाएं
यमुना प्राधिकरण को उम्मीद है कि सभी चुनौतियों के बावजूद, वे समय पर परियोजना को पूरा करने में सफल होंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विदेशी आपूर्तियों में देरी जारी रहती है तो सितंबर में उड़ानें शुरू करना कठिन हो सकता है।
स्थानीय और राष्ट्रीय महत्व
जेवर एयरपोर्ट केवल एक नया एयरपोर्ट नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसके निर्माण से स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और एनसीआर क्षेत्र में आवागमन की सुविधाएं भी बढ़ेंगी।
यमुना प्राधिकरण के अनुसार, वे सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं ताकि परियोजना की समयसीमा को पूरा किया जा सके और सितंबर 2024 तक उड़ानें शुरू हो सकें। लेकिन विदेशी बाधाओं को देखते हुए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
Jewar Airport
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही बाधाओं ने न केवल परियोजना की समयसीमा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि इससे जुड़े सभी हितधारकों के सामने भी कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। यमुना प्राधिकरण की कोशिशें सराहनीय हैं, लेकिन विदेशी सहयोगियों की भूमिका को देखते हुए स्थिति पर निकटता से नजर रखने की आवश्यकता है।
जेवर एयरपोर्ट की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यमुना प्राधिकरण और विदेशी कंपनियां मिलकर इस परियोजना को समय पर पूरा करने में कितनी सफल होती हैं। वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए सभी की निगाहें इस परियोजना की प्रगति पर टिकी हुई हैं।