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देवरिया में भीषण गर्मी से बेहाल लोग, राहत पाने के लिए छोटी गंडक नदी बनी युवाओं का सहारा

उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में इन दिनों भीषण गर्मी अपने चरम पर है। तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसकी वजह से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। सुबह 10 बजे के बाद ही धूप इतनी तेज हो जाती है कि लोग घर से बाहर निकलने में हिचकने लगे हैं। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहता है और दोपहर के समय दुकानदार अपने प्रतिष्ठान समय से पहले बंद करने को मजबूर हो रहे हैं।

तेज धूप और उमस भरी गर्मी ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को परेशान कर दिया है। ऐसे में राहत पाने के लिए देवरिया के युवा और बच्चे छोटी गंडक नदी का रुख कर रहे हैं। जिले के महुआ पाटन घाट पर हर दिन सैकड़ों की संख्या में लड़के स्नान करने पहुंच रहे हैं। देवरिया जनपद के विभिन्न गांवों से बच्चे और युवा इस भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए नदी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

हालांकि नदी में नहाना जोखिम से खाली नहीं है। कई युवा तैराकी में निपुण नहीं हैं, जिस कारण डूबने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके, गर्मी से परेशान बच्चे अपनी जान की परवाह किए बिना नदी में घंटों स्नान करते हैं। हर साल गर्मी के मौसम में नदियों में डूबने से कई जानें चली जाती हैं, इसके बावजूद सुरक्षा के उपायों की कमी चिंता का विषय बनी हुई है।

महुआ पाटन घाट ही नहीं, बल्कि देवरिया जिले के अन्य घाटों पर भी इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है। युवक टोली बनाकर नदी में कूदते हैं, पानी में खेलते हैं और गर्मी से राहत पाने की कोशिश करते हैं। प्रशासन की ओर से भी बार-बार चेतावनी दी जाती है कि सावधानी बरती जाए, लेकिन जमीनी स्तर पर जागरूकता की कमी साफ नजर आती है।

दूसरी तरफ, तेज धूप की वजह से गांवों और शहरों में दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है। लोग जरूरी कामकाज भी टाल रहे हैं और अधिकांश समय घर के भीतर रहने को मजबूर हैं। कई दुकानदार दोपहर में ही अपनी दुकानें बंद कर दे रहे हैं क्योंकि ग्राहकों की संख्या बहुत कम हो गई है।

गर्मी का असर किसानों पर भी पड़ा है। खेतों में काम करने वाले मजदूरों की संख्या में भारी गिरावट आई है। लोग सूरज ढलने के बाद ही खेतों में जाने की हिम्मत जुटा रहे हैं। पानी की मांग भी बढ़ गई है, जिससे हैंडपंप और ट्यूबवेल के आसपास भीड़ बढ़ने लगी है।

चिकित्सकों का कहना है कि भीषण गर्मी में लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जा रही है कि बिना जरूरी काम के बाहर न निकलें, शरीर को हाइड्रेट रखें और हल्के कपड़े पहनें। लेकिन बच्चों और युवाओं में इस चेतावनी का असर कम दिखाई दे रहा है, क्योंकि नदी में नहाने का आकर्षण गर्मी की चिंता पर भारी पड़ रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो डूबने जैसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं। इसके लिए प्रशासन को घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए और लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाना चाहिए।

फिलहाल, देवरिया जनपद में गर्मी से राहत के लिए बारिश का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक तापमान में कोई विशेष गिरावट की संभावना नहीं है, जिससे लोगों को अभी और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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