Home Blog

देवरिया में मनरेगा के जरिए गांवों में तेजी से हो रहा काम, जानिए 21 मई 2025 को कहां-कहां लगे कितने मजदूर – पर क्या ये सब सच में धरातल पर हो रहा है?

21 मई 2025 को मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में मनरेगा योजना के तहत कई ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में मजदूर कार्यरत दिखाए गए हैं। इन आंकड़ों को देखकर पहली नजर में लगता है कि गांवों का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या यह कार्य वास्तव में धरातल पर हो रहे हैं या फिर यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं?

सबसे पहले बात करें भटनी ब्लॉक की तो वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार अगहिला ग्राम पंचायत में 226 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई है। वहीं लाल चक गांव में 107 मजदूर मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं। यहां पर चकबंदी जैसे महत्वपूर्ण कार्य चल रहे हैं, ऐसा वेबसाइट पर दर्ज है।

सदर ब्लॉक की बात करें तो लही पर उर्फ रतनपुरा ग्राम पंचायत में 207 मजदूरों की हाजिरी दर्ज है। यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि मनरेगा के जरिए देवरिया के गांवों में कार्य चल रहा है और ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये मजदूर वास्तव में काम कर रहे हैं? क्या ये विकास कार्य वाकई धरातल पर हो रहे हैं या फिर केवल कागजी आंकड़ों से गांवों का विकास दिखाने की कोशिश की जा रही है?

अगर वाकई में ये कार्य पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ हो रहे हैं, तो यह देवरिया जिले के लिए एक सकारात्मक संकेत है। गांवों का विकास मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए ही संभव है। लेकिन अगर इसमें भ्रष्टाचार या गड़बड़ी हो रही है, तो यह गंभीर चिंता का विषय है।

इसलिए ज़रूरी है कि जिले के उच्च अधिकारी इन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें। केवल वेबसाइट पर आंकड़े डाल देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंद ग्रामीणों तक पहुंचे।

देवरिया के अन्य ब्लॉकों की जानकारी भी वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिनमें मजदूरों की संख्या और कार्यों की स्थिति दर्ज की गई है। इन आंकड़ों की पड़ताल करने से साफ हो जाएगा कि गांवों में वास्तव में विकास हो रहा है या नहीं।

कटाक्ष यही है कि अगर मनरेगा का उपयोग केवल आंकड़ों की बाजीगरी तक सीमित रह गया तो यह योजना अपना उद्देश्य खो देगी। लेकिन यदि ईमानदारी से क्रियान्वयन हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब देवरिया जिले के गांव भी सुविधाओं के मामले में शहरों को टक्कर देने लगेंगे।

मनरेगा केवल रोजगार योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के विकास की नींव है – बशर्ते यह बिना भ्रष्टाचार और पूरी पारदर्शिता के साथ लागू की जाए।

Deoria News: देवरिया में महिला को गोली मारने की वारदात से सनसनी, बेटी समेत चार लोगों पर हत्या के प्रयास का आरोप

उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में रविवार की दोपहर एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। एकौना थाना क्षेत्र के पलिया गांव की रहने वाली दुर्गावती देवी पत्नी गुलाब यादव को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी। यह घटना उस समय हुई जब दुर्गावती देवी पचलड़ी चौराहे से दवा कराकर अपने घर लौट रही थीं। धरमपुरवा गांव के समीप अचानक बाइक पर सवार अज्ञात हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाते हुए सीने में गोली मार दी और फरार हो गए।

गोली लगने के बाद दुर्गावती देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। स्थानीय लोगों की मदद से तत्काल उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उनकी हालत को नाजुक बताते हुए उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया रेफर कर दिया। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है और हालत गंभीर बनी हुई है।

इस वारदात की सूचना मिलते ही एकौना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच शुरू की। पुलिस ने पीड़िता के पति गुलाब यादव की तहरीर पर मामला दर्ज किया है। तहरीर में उन्होंने बेहद चौंकाने वाला आरोप लगाया है। गुलाब यादव ने अपनी ही बेटी ममता यादव पर इस हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी ममता ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर इस गोलीकांड को अंजाम दिया है।

फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और नामजद अभियुक्तों की तलाश में दबिश दी जा रही है। पुलिस अधिकारी साक्ष्य संकलन और अन्य कानूनी प्रक्रिया में जुटे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने भी पूरे घटनाक्रम पर निगरानी रखी हुई है।

देवरिया जैसे अपेक्षाकृत शांत माने जाने वाले जिले में इस तरह दिनदहाड़े महिला को गोली मारना कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। खासकर तब, जब आरोपों की सुई खुद पीड़िता की बेटी की ओर जा रही हो। यह घटना पारिवारिक रिश्तों में गिरावट और सामाजिक ताने-बाने में आई दरार को भी दर्शाती है।

हिन्दू महिलाएं क्यों लगाती हैं सेंदुर? जानिए इसकी पौराणिक और धार्मिक मान्यता

0

सेंदुर, जिसे लाल रंग का सिंदूर भी कहा जाता है, हिन्दू महिलाओं के लिए केवल एक श्रृंगार का हिस्सा नहीं बल्कि एक गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। भारत में हिंदू महिलाओं के माथे के बीच में सेंदुर लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है, और इसके पीछे कई धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि सेंदुर क्या है और हिन्दू महिलाएं इसे क्यों लगाती हैं।

सेंदुर क्या है?

सेंदुर एक लाल रंग का पाउडर या तेल होता है, जो मुख्यतः लाल रंग के प्राकृतिक रंगद्रव्य से बनाया जाता है। परंपरागत रूप से इसे सिंदूर के नाम से जाना जाता है और यह शादीशुदा महिलाओं की पहचान माना जाता है। यह स्त्रियों के लिए मंगलकारी माना जाता है और इसे लगाने से उनके वैवाहिक जीवन में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है, ऐसा धार्मिक विश्वास है।

सेंदुर लगाने की धार्मिक मान्यता

हिंदू धर्मग्रंथों में सेंदुर का उल्लेख कई बार हुआ है। वैदिक काल से ही सेंदुर का प्रयोग शुभ कार्यों में किया जाता रहा है। पौराणिक कथाओं में, भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के बाद पार्वती ने अपने पति के माथे पर सेंदुर लगाया था। इसके बाद यह परंपरा विवाहिता स्त्रियों के लिए शुभ संकेत बन गई। इसे पति के प्रति श्रद्धा, सम्मान और उनकी दीर्घायु की कामना के रूप में भी देखा जाता है।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

सिंदूर लगाना केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह सामाजिक पहचान भी है। विवाह के बाद स्त्रियाँ इसे अपने माथे के बीच में लगाकर यह दर्शाती हैं कि वे अब गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर चुकी हैं। सेंदुर लगाने वाली महिलाएं समाज में एक सम्मानित स्थान रखती हैं क्योंकि यह उनकी जिम्मेदारी और पारिवारिक स्थिति को दर्शाता है।

इसके अलावा, सेंदुर स्त्रीत्व और सौंदर्य का प्रतीक भी है। यह महिलाओं की आकर्षण शक्ति को बढ़ाता है और उनके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाता है। कई स्थानों पर सेंदुर लगाना महिला के लिए भाग्यशाली माना जाता है, और इसे बिना लगाए घर से बाहर निकलना अपशगुन समझा जाता है।

आयुर्वेद और स्वास्थ्य दृष्टिकोण

आयुर्वेद में भी सेंदुर के प्रयोग का उल्लेख है। माथे के बीच वाले स्थान को ‘अज्ञान चक्र’ कहा जाता है, जो मानसिक शक्ति और ध्यान का केंद्र माना जाता है। सेंदुर लगाने से इस क्षेत्र पर गर्माहट उत्पन्न होती है, जिससे तनाव कम होता है और मानसिक शांति मिलती है। इसके अलावा, पारंपरिक सेंदुर में इस्तेमाल होने वाले कुछ तत्वों में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।

क्या सिर्फ विवाहित महिलाएं ही सेंदुर लगाती हैं?

परंपरा के अनुसार, सेंदुर सिर्फ विवाहित महिलाएं ही लगाती हैं, क्योंकि यह विवाह और पति की दीर्घायु का प्रतीक है। अविवाहित या विधवाओं के लिए इसे लगाना उचित नहीं माना जाता। हालांकि, आधुनिक समय में कुछ महिलाएं इसे फैशन और सांस्कृतिक पहचान के लिए भी लगाती हैं, लेकिन पारंपरिक दृष्टिकोण से इसका अर्थ अलग होता है।

सेंदुर लगाने का सही तरीका

सिंदूर लगाने का सही स्थान माथे के बीच में, जहां दो भौंहें मिलती हैं, होता है। इसे कुछ महिलाएं केवल उस स्थान पर लगाती हैं, जबकि कुछ इसे बालों की रेखा में भी लगाती हैं, जिसे मांग कहा जाता है। मांग में सेंदुर लगाने से विवाहिता स्त्री की सुंदरता और भी निखरती है।

Deoria News: देवरिया जेल का डीएम और एसपी ने किया औचक निरीक्षण, कैदियों की सुरक्षा व सुविधाओं को लेकर दिए सख्त निर्देश

देवरिया, उत्तर प्रदेश। जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक श्री विक्रान्त वीर ने संयुक्त रूप से देवरिया जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल की सुरक्षा व्यवस्था, कैदियों की देखभाल, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा करना था।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने जेल परिसर के विभिन्न हिस्सों का गहनता से मुआयना किया। उन्होंने कैदियों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं, भोजन की गुणवत्ता और साफ-सफाई की व्यवस्था की विस्तार से जांच की। इस दौरान उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि कैदियों को समय पर पौष्टिक भोजन और आवश्यक चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जेल में रहने वाले हर व्यक्ति को संविधान के तहत मिलने वाले अधिकारों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

पुलिस अधीक्षक श्री विक्रान्त वीर ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जेल की सुरक्षा में कोई भी चूक गंभीर परिणाम दे सकती है, इसलिए सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली की जांच की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कैमरे लगातार क्रियाशील रहें तथा उनकी नियमित निगरानी की जाए।

इस अवसर पर दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने जेल के अंदर तैनात सुरक्षाकर्मियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को भी सुना और उन्हें सजग व सतर्क रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन को समय-समय पर खुद भी निरीक्षण करना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने न आए।

निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने जेल अधीक्षक सहित अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जेल की व्यवस्था में सुधार लाना प्रशासन की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस निरीक्षण के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि जिला प्रशासन कैदियों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों के संरक्षण को लेकर गंभीर है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि जेल एक सुधार गृह की तरह कार्य करे, न कि सिर्फ एक सजा भुगतने की जगह।

यह निरीक्षण जेल प्रशासन के लिए एक चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

Deoria News:देवरिया में दर्दनाक हादसा: नशे में धुत व्यक्ति की नदी में डूबकर मौत, सोशल मीडिया पर वायरल फोटो से हुई पहचान

देवरिया जनपद के बरियारपुर थाना क्षेत्र में उस समय सनसनी फैल गई जब बैकुंठपुर गांव के पास बह रही छोटी गंडक नदी में एक व्यक्ति का शव तैरता हुआ देखा गया। सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई और पुलिस को भी खबर दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया और पहचान की प्रक्रिया शुरू की।

मृतक की पहचान भाटपार रानी थाना क्षेत्र के बनकटा मिश्र गांव निवासी जोखू भारतीय के रूप में हुई है, जिनकी उम्र करीब 50 वर्ष बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जोखू भारतीय शराब के नशे में धुत थे और पहले नदी के किनारे लेटे हुए दिखाई दिए। कुछ देर बाद वह अचानक नदी की ओर बढ़े और गहरे पानी में चले गए, जहां डूबने के कारण उनकी मौत हो गई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब जोखू पानी में डूबने लगे तो लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन जब तक कोई कुछ कर पाता, तब तक वह पूरी तरह पानी में समा चुके थे। घटना के कुछ समय बाद शव का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद बगल के गांव माधोपुर में रहने वाले उनके रिश्तेदारों ने फोटो देखकर पहचान की और घटनास्थल पर पहुंचे।

रिश्तेदारों ने पुष्टि की कि मृतक जोखू भारतीय उनके रिश्ते में पत्नी की बहन के पति लगते हैं। वहीं कुछ स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि जोखू भारतीय शायद नदी पार कर माधोपुर गांव में अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में गहरे पानी की चपेट में आ गए और यह हादसा हो गया। हालांकि इस पूरे मामले की असली वजह पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

बरियारपुर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखते हुए घटना की गहराई से जांच कर रही है।

जोखू भारतीय अपने पीछे चार बच्चों को छोड़ गए हैं, जिसमें दो बेटे और दो बेटियां शामिल हैं। परिवार के मुख्य सदस्य की इस असामयिक मृत्यु से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है। जब मृतक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, तो उनका रो-रो कर बुरा हाल था।

Deoria News: बैतालपुर चीनी मिल पुनः शुरू कराने की मांग पर डटे किसान, धरने का 177वां दिन भी जारी

देवरिया, 30 मई 2025 – चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में बैतालपुर चीनी मिल को पुनः संचालित कराने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। शुक्रवार को यह धरना अपने 177वें दिन में प्रवेश कर गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट परिसर में जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शीघ्र निर्णय लेने की मांग की।

किसानों का कहना है कि एक समय में देश में सबसे अधिक 14 चीनी मिलें देवरिया जिले में संचालित थीं, लेकिन आज स्थिति यह है कि जिला अपनी एक अदद चीनी मिल के लिए तरस रहा है। बैतालपुर चीनी मिल, जिसे विशेष रूप से चलाने के उद्देश्य से बेचा गया था, वह भी सरकारी उपेक्षा और कथित षड्यंत्रों की भेंट चढ़ गई। आंदोलनकारी किसानों का आरोप है कि मिल क्रेता, विक्रेता और तत्कालीन सरकार की मिलीभगत से मिल अनुबंध के अनुसार नहीं चलाई गई। वहीं वर्तमान सरकार ने भी इस मुद्दे को लेकर उदासीनता की सारी हदें पार कर दी हैं।

धरने का नेतृत्व कर रहे बृजेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बार-बार बैतालपुर में चीनी कॉम्प्लेक्स बनाने की घोषणा करते हैं, लेकिन वह आम आदमी के लिए अब अविश्वसनीय बनती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ झूठे वादों से किसानों को भ्रमित कर रही है। त्रिपाठी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही बैतालपुर चीनी मिल को पुनः शुरू करने का ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो किसान आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे, जिसका इतिहास खुद गवाह बनेगा।

इस आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हो रहे हैं। आज धरना स्थल पर उपस्थित प्रमुख लोगों में रत्नेश मिश्रा, राजू चौहान, नइम, अनूप कुमार सिंह, मंजू चौहान, रामलाल गुप्ता, राम आधार चौहान, विजय शंकर, रमाशंकर, संजीव शुक्ला, राधा गिरी, बकरीदन उर्फ बरकत अली, विजय कुमार सिंह, कन्हैया तिवारी, धर्मवीर यादव, सुनील कुमार यादव सहित कई अन्य लोग शामिल रहे।

किसानों का यह दृढ़ संकल्प और संघर्ष यह दर्शाता है कि देवरिया के लोगों ने अपनी चीनी मिल को पुनः जीवित करने की ठान ली है।

Deoria News: देवरिया में चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से परेशान लोग ले रहे हैं छोटी गंडक नदी का सहारा

उत्तर प्रदेश का देवरिया जनपद इन दिनों भीषण गर्मी और उमस का सामना कर रहा है। तापमान में लगातार हो रही वृद्धि से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है। दिन चढ़ने के साथ ही तेज धूप और गर्म हवाएं लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर विद्युत आपूर्ति की भी स्थिति बेहतर नहीं है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण इलाकों के लोग राहत की तलाश में नदियों और तालाबों की ओर रुख कर रहे हैं। खासकर बरियारपुर के पास स्थित महुआ पाटन पुल के नीचे बह रही छोटी गंडक नदी इस समय लोगों के लिए गर्मी से निजात का प्रमुख साधन बन गई है।

हर दिन जैसे ही घड़ी में 10 बजते हैं, इस नदी के किनारे और पुल के नीचे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। पुरुष, बच्चे और युवा समूहों में यहां पहुंचते हैं और नदी में स्नान कर गर्मी से राहत पाने की कोशिश करते हैं। स्नान के दौरान लोग काफी प्रसन्न नजर आते हैं और कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन उन्हें तपती गर्मी से थोड़ी शांति मिलती है।

नदी में स्नान कर रहे स्थानीय निवासी अमित पांडे ने बताया कि “हम लोग इस उमस भरी गर्मी से काफी परेशान हो चुके हैं। घर में पंखा है, लेकिन बिजली नहीं है। कभी बिजली जाती है तो दो-दो घंटे तक वापस नहीं आती और जब आती भी है तो पांच-दस मिनट में फिर चली जाती है। ऐसे में चैन की सांस लेना मुश्किल हो गया है। इसलिए हम लोग रोजाना सुबह यहां स्नान के लिए आते हैं, जिससे शरीर को ठंडक मिलती है और दिनभर की गर्मी को झेलने की थोड़ी ताकत मिल जाती है।”

वहीं अन्य ग्रामीणों का भी यही कहना है कि सरकार को बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कुछ राहत मिल सके। बच्चों और बुजुर्गों की हालत इस गर्मी में सबसे अधिक खराब हो रही है। न तो स्कूलों में पर्याप्त सुविधा है और न ही घरों में आराम की स्थिति।

महुआ पाटन पुल के नीचे की यह जगह धीरे-धीरे एक अस्थायी ‘समर डेस्टिनेशन’ बनती जा रही है। कई परिवार अब यहां साथ मिलकर आते हैं, स्नान करते हैं और कुछ घंटों तक नदी किनारे बैठकर गर्मी से बचने की कोशिश करते हैं। महिलाओं की संख्या भले ही कम हो, लेकिन कुछ महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ यहां पहुंचती हैं।

गौरतलब है कि इस बार गर्मी ने अप्रैल के अंत से ही तीव्र रूप लेना शुरू कर दिया था और मई के महीने में तो पारा 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। बारिश की कमी और लगातार बढ़ते तापमान ने लोगों की परेशानियों को और भी बढ़ा दिया है। अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

स्थानीय प्रशासन से लोगों की यह मांग है कि वे बिजली आपूर्ति की समस्या का जल्द समाधान करें और साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर शीतल जल और छांव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, नदियों और तालाबों की स्वच्छता पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है, ताकि लोग सुरक्षित तरीके से इनका उपयोग कर सकें।

फिलहाल के लिए छोटी कंटक नदी लोगों की गर्मी से लड़ने की एक उम्मीद बनकर उभरी है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। जब तक बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं किया जाता, तब तक हर साल ऐसी ही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलती रहेगी।

Deoria News: भटवलिया विद्युत उपकेंद्र का डीएम ने किया निरीक्षण, संभावित हड़ताल के मद्देनज़र निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए किए गए सख्त इंतजाम

देवरिया की जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने 29 मई को प्रस्तावित विद्युतकर्मियों की संभावित हड़ताल को दृष्टिगत रखते हुए भटवलिया स्थित विद्युत उपकेंद्र, स्टोर और वर्कशॉप का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद में किसी भी स्थिति में विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम जनता को कोई असुविधा न हो, इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग और तैयार है।

जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद के सभी 43 विद्युत उपकेंद्र (33/11 केवी) और 4 उच्च क्षमता उपकेंद्र (132/33 केवी) पर शिफ्टवार ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। इसके तहत प्रत्येक उपकेंद्र पर पर्याप्त तकनीकी जनशक्ति की तैनाती सुनिश्चित की गई है। हड़ताल की स्थिति में बिजली व्यवस्था को संभालने के लिए विभिन्न विभागों से कुल 110 अभियंताओं को वैकल्पिक संसाधनों के रूप में चिन्हित किया गया है, जिनमें लोक निर्माण विभाग से 32, आरईएस से 21, बाढ़ खंड से 20, नलकूप विभाग से 18, जल निगम (ग्रामीण व शहरी) से 5-5 तथा सिंचाई विभाग से 9 अभियंता शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त विद्युत कार्यों में दक्ष 33 पूर्व सैनिकों और 350 आईटीआई छात्रों को चयनित कर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर शिफ्टवार ड्यूटी पर लगाया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि जनता को बिजली की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो।

जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, जल आपूर्ति केंद्रों और अन्य जनोपयोगी संस्थानों पर विशेष रूप से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे पेयजल टंकियों की आपूर्ति नियमित रूप से बनाए रखें और सभी प्रमुख स्थलों पर जनरेटर और अन्य वैकल्पिक संसाधनों को तैयार रखें।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी विद्युत उपकेंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की अशांति या व्यवधान उत्पन्न न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है।

संभावित हड़ताल को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर कलेक्ट्रेट सभागार के निकट एक तकनीकी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे सक्रिय रहेगा। यह नियंत्रण कक्ष तीन पालियों में संचालित होगा—प्रथम पाली सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक, द्वितीय पाली दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक और तृतीय पाली रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक। नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 05568-222261, 225351, 223331 और मोबाइल/व्हाट्सएप नंबर 9838238006 जारी किए गए हैं।

नोडल अधिकारी के रूप में अपर उप जिलाधिकारी (सदर) श्री अवधेश कुमार निगम को नामित किया गया है, जिनका मोबाइल नंबर 8887894561 है। नियंत्रण कक्ष में कर्मचारियों की उपस्थिति और प्राप्त सूचनाओं का रजिस्टर में संधारण किया जाएगा, जिसकी नियमित जानकारी नोडल अधिकारी को दी जाएगी। साथ ही प्रकाश की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नाजिर सदर को निर्देशित किया गया है।

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि ड्यूटी पर तैनात कोई भी कर्मचारी बिना प्रतिस्थानी के अपना कार्यस्थल नहीं छोड़ेगा। यदि हड़ताल के दौरान किसी भी प्रकार की विद्युत आपूर्ति या संचालन से संबंधित समस्या उत्पन्न होती है, तो उसकी सूचना तुरंत नियंत्रण कक्ष को दी जाए ताकि उसका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके।

जिला प्रशासन की इस तत्परता और तैयारी से यह स्पष्ट है कि संभावित हड़ताल के दौरान भी देवरिया जनपद में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

Deoria News: जिस दरवाज़े से बेटी की बारात निकलनी थी, उसी दरवाज़े से उठी पिता की अर्थी – देवरिया की एक दर्दनाक दास्तान

देवरिया जिले के लार थाना क्षेत्र के पंचदेवरा गांव में उस वक्त खुशियों का माहौल मातम में बदल गया जब बेटी की शादी के दिन ही उसके पिता ने अंतिम सांस ली। आज बेटी अंजली की बारात आने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही उसके पिता चंद्रमा प्रसाद, जो प्राथमिक विद्यालय कठोड़ी के प्रधान अध्यापक थे, अचानक इस दुनिया को अलविदा कह गए।

परिवार की खुशियों को जैसे किसी की नज़र लग गई। जिस दरवाज़े से बेटी की डोली उठनी थी, उसी दरवाज़े से पिता की अर्थी निकल गई। अंजली के हाथों में मेहंदी लगी थी, घर में मंगल गीतों की गूंज थी, रिश्तेदार और परिचित शादी की तैयारियों में व्यस्त थे। लेकिन तभी यह हृदयविदारक घटना घटी जिसने सबको स्तब्ध कर दिया।

बताया गया कि चंद्रमा प्रसाद अपनी बेटी की शादी को लेकर बेहद उत्साहित थे। उन्होंने अपने जीवन की सारी पूंजी इस विवाह में लगा दी थी। शादी की तैयारियाँ कई दिनों से चल रही थीं। आज बारात आने वाली थी और परिवार में सब कुछ योजना के मुताबिक हो रहा था। लेकिन सुबह अचानक उन्हें सीने में दर्द उठा और कुछ ही पलों में उनका निधन हो गया। डॉक्टरों ने बताया कि यह दिल का दौरा था।

उनकी मृत्यु की खबर सुनते ही बेटी अंजली और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घर में जहां शहनाइयां बजनी थीं, वहां अब रोने-बिलखने की आवाजें गूंजने लगीं। अंजली के हाथों में मेंहदी थी, लेकिन पिता के कंधे से उनका अंतिम संस्कार किया गया।

गांव के ही एक आम्र वृक्ष के नीचे उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उन्हें समाधि दी गई। रिश्तेदारों और गांववासियों ने फूलों की माला चढ़ाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

बेटी अंजली की शादी तय हो चुकी थी, कई रस्में भी पूरी हो चुकी थीं, लेकिन इस हादसे के बाद विवाह की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। पूरे गांव में शोक की लहर है। जो लोग शादी में शामिल होने आए थे, वे अब मातम में शामिल हो रहे हैं।

यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि हर उस पिता की कहानी है जो अपनी बेटी की डोली को कंधा देने का सपना देखता है, लेकिन खुद ही उस डोली से पहले दुनिया छोड़ जाता है।

आज पंचदेवरा गांव का हर निवासी इस सवाल में डूबा है कि नियति इतनी क्रूर क्यों होती है? बेटी की मुस्कान को मातम में बदल देने वाला यह दृश्य हर किसी की आंखों को नम कर गया।

India:आखिर भारत ने जापान को पीछे छोड़कर यह उपलब्धि कैसे हासिल की अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई जाने पुरी खबर विस्तार से

भारत का विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह सफलता केवल GDP के आँकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे दशकों की नीतिगत सुधार, जनसंख्या शक्ति, तकनीकी प्रगति, वैश्विक व्यापार में भागीदारी, और रणनीतिक निवेश निहित हैं2025 में, भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो जापान को पीछे छोड़ चुका है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2025 में भारत की जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया है

आर्थिक सुधारों की नींव (1991 से शुरुआत)

    भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ा मोड़ 1991 में आया जब देश ने आर्थिक उदारीकरण (Liberalization) निजीकरण (Privatization), और वैश्वीकरण (Globalization) को अपनाया। तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों की एक श्रृंखला लागू की, जिसमें विदेशी निवेश को बढ़ावा, लाइसेंस राज की समाप्ति और बाजार आधारित अर्थव्यवस्था की शुरुआत की गई

    इन सुधारों के कारण भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) तेजी से बढ़ने लगा और देश विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बन गया।

    सेवा क्षेत्र का विकास

      भारत के सेवा क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष रूप से आईटी (IT) बीपीओ (BPO), टेली-कॉम्युनिकेशन, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में भारत ने विश्वभर में अपनी पहचान बनाई

      भारत का IT सेक्टर आज विश्व के कई देशों को सेवाएं प्रदान करता है, जिससे भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित होती है। इस क्षेत्र ने न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए बल्कि GDP में महत्वपूर्ण योगदान भी दिया

      जनसंख्या और युवा शक्ति

        भारत की 1.4 अरब की जनसंख्या में एक बड़ी संख्या युवा वर्ग की है। यह जनसांख्यिकीय लाभ (Demographic Dividend) देश के लिए एक वरदान साबित हुआ।

        जहाँ जापान की जनसंख्या घट रही है और वहां वृद्ध जनसंख्या बढ़ रही है, वहीं भारत के पास श्रमबल और उपभोक्ता दोनों की भरपूर मात्रा है। यह युवाशक्ति न केवल उत्पादन में लगी है बल्कि नवाचार (Innovation) स्टार्टअप्स और तकनीकी क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है

        निर्माण और बुनियादी ढांचे पर ध्यान

          भारत सरकार ने मेक इन इंडिया प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना भारतमाला सागरमाला  और  स्मार्ट सिटी मिशन जैसी योजनाएं शुरू कीं जिससे बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ

          इसके परिणामस्वरूप निर्माण (Construction)सड़क रेलवे, बंदरगाह, और हवाई अड्डों का विकास हुआ जिससे उद्योगों को बढ़ावा मिला और अर्थव्यवस्था में गति आई

          डिजिटल क्रांति

            डिजिटल इंडिया अभियान और यूपीआई (Unified Payments Interface) जैसी प्रणालियों ने भारत को एक अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदल दिया है। भारत में लाखों लेन-देन प्रतिदिन डिजिटल माध्यम से होते हैं

            फिनटेक (FinTech) स्टार्टअप्स जैसे PhonePe, Paytm, BharatPe, Zerodha आदि ने वित्तीय समावेशन में क्रांति ला दी। इससे औपचारिक अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ और टैक्स बेस भी बढ़ा

            स्टार्टअप्स और उद्यमिता का प्रसार

              भारत अब स्टार्टअप्स की भूमि बन चुका है। हजारों स्टार्टअप्स हर साल बन रहे हैं और कई यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाले स्टार्टअप) भी खड़े हुए हैं

              सरकार की योजनाओं जैसे स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना, और आसान पूंजी तक पहुंच ने नए उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया है, जिससे GDP में योगदान और रोजगार दोनों बढ़े हैं

              वैश्विक निवेश और व्यापारिक संबंध

                भारत ने विभिन्न देशों से मजबूत व्यापारिक संबंध बनाए हैं, खासकर अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, और खाड़ी देशों के साथ। भारत का निर्यात (Export) बढ़ा है, विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, और आईटी सेवाओं में

                इसके साथ ही भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों और आर्थिक भागीदारियों में भाग लिया, जिससे निवेश बढ़ा और विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत हुआ।

                सरकारी योजनाएं और नीतिगत स्थिरता

                  भारत में आर्थिक योजनाएं जैसे GST (Goods and Services Tax), DBT (Direct Benefit Transfer) आयुष्मान भारत, और आत्मनिर्भर भारत ने अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप दिया और पारदर्शिता बढ़ाई

                  GST ने कर प्रणाली को सरल और एकीकृत किया, जिससे राज्यों की आय में भी वृद्धि हुई और व्यापार को सुगमता मिली

                  उपभोक्ता मांग और घरेलू बाजार का विस्तार

                    भारत के विशाल घरेलू बाजार में बढ़ती उपभोक्ता मांग ने कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने और निवेश करने के लिए प्रेरित किया

                    मध्यम वर्ग की संख्या में वृद्धि, आय स्तर में बढ़ोतरी और शहरीकरण ने उपभोक्ता वस्तुओं (Consumer Goods), रिटेल, वाहन, और रियल एस्टेट क्षेत्रों को नई ऊँचाइयाँ दीं

                    जापान की आर्थिक सुस्ती

                      भारत के आगे निकलने का एक कारण जापान की अर्थव्यवस्था में लंबे समय से चली आ रही सुस्ती भी है। जापान की अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर कम है जनसंख्या घट रही है, और उत्पादन लागत ज्यादा है

                      वहीं भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और IMF और World Bank जैसे संगठनों ने भी भविष्य में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई है

                      भारत का जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना केवल संख्यात्मक उपलब्धि नहीं, बल्कि दशकों की मेहनत, सही नीतियों और जनशक्ति की जीत है

                      यह उपलब्धि भारत को वैश्विक मंच पर और अधिक प्रभावशाली बनाएगी। अब भारत को सतत विकास पर्यावरणीय संतुलन, रोजगार सृजन, और सामाजिक समावेशन पर भी उतना ही ध्यान देना होगा, जिससे यह वृद्धि समान रूप से सभी वर्गों तक पहुंच

                      Deoria News: शौच करने जा रही किशोरी के साथ गांव के ही युवक ने किया दुष्कर्म वीडियो बना करने लगा ब्लैकमेल

                      इन दिनों इस तरह की घटनाएं आम बात जैसे हो गई है इस तरह की घटना का पता चलते ही जल्दी से जल्दी एक्शन लेना चाहिए कि आरोपी को सजा मिल सके और इस तरह की घटना दोबारा करने से पहले 100 बार सोचे वही लार थाना के क्षेत्र के गांव में शौच करने जा रही किशोरी के साथ गांव के ही एक युवक ने किया दुष्कर्म

                      लार(देवरिया) थाना क्षेत्र के एक गांव में शौच करने जा रही किशोरी के साथ गांव का ही एक युवक दुष्कर्म किया। साथ ही दुष्कर्म का वीडियो बना लिया। इसके बाद किशोरी को ब्लैकमेल करने लगा। इस मामले में किशोरी की मां ने लार थाने में आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। साथ ही आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है

                      थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी शुक्रवार की शाम शौच करने के लिए जा रही थी, इस बीच गांव का ही एक युवक उसे पकड़ लिया और छेड़खानी के साथ ही उसके साथ दुष्कर्म कियादुष्कर्म का वीडियो भी आरोपी ने बना लिया और पीड़िता को ब्लैकमेल करने लगा। यह बात किशोरी ने अपनी मां से बताई तो उसके पैर तले जमीन ही खिसक गई। मां थाने पर पहुंची और तहरीर दी। दो दिनों तक दारोगा तहरीर को अपने पास ही रखे रखा। रविवार को पीड़िता की मां एक बार फिर थाने पहुंची तो इंस्पेक्टर ने संज्ञान लिया और केस दर्ज कराने का निर्देश दिया। इस मामले में पुलिस ने गांव के पवन राजभर के विरुद्ध दुष्कर्म का केस दर्ज किया है। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दीपक शुक्ल क्षेत्राधिकारी सलेमपुर

                      यूपी:यूपी में बिजली हो सकती है थफ कर्मचारियों की निजीकरण के विरोध में हड़ताल की घोषणा

                      लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी 29 म‌ई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। संगठनों ने साफ किया है कि हड़ताल के दौरान कौन-कौन से काम नहीं हो सकेंगे।

                      आपकी बिजली कनेक्शन लेने की इच्छा है, कनेक्शन का बिल बकाया है, अगर उसको जमा नहीं कर रहे हैं बिजली संबंधी आपके जो भी काम हों, ये सब आप 29 मई से पहले निपटा लें नहीं तो अटक सकते हैं।

                      पूर्वांचल और दक्षिणांचल की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की चल रही कार्रवाई के विरोध में पूरे प्रदेश में कर्मचारी और अभियंता 29 मई से कार्यालय तो आएंगे,लेकिन उपभोक्ता का काम नहीं करेंगे।

                      इनकी ओर से बेमियादी कार्य बहिष्कार शुरु करने का नोटिस जारी किया गया है, जिससे बिजली महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इससे राजधानी लखनऊ के 14 लाख उपभोक्ताओं की बिजली व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। उपकेंद्र,उपखंड, खंड के कर्मचारी और अभियंता काम करना बंद कर देंगे तो हड़ताल होने तक न तो बिजली कनेक्शन पाएंगे और न ही कटी बिजली चालू हो सकेगी।

                      जेई संगठन ट्रांस और सिस गोमती इकाई के अध्यक्ष चंदशेखर और अरविंद कुमार,विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के केंद्रीय अध्यक्ष वीके सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि बेमियादी कार्य बहिष्कार आंदोलन के दौरान नियमित कर्मचारी, अभियंता प्रमुख रूप से चार कामों का बहिष्कार करेंगे। यह चार काम उपभोक्ता एवं विभाग की लिहाजा से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

                      बकाया बिल पर नहीं कटेंगे कनेक्शन

                      29 मई से उपकेंद्र के कर्मचारी और अभियंता बकाया बिल पर उपभोक्ता का कनेक्शन काटना बंद कर देंगे,कनेक्शन नहीं कटेंगे तो आय ठप हो जाएगी।

                      उपभोक्ता के नहीं जमा करेंगे बिल

                      पावर कॉर्पोरेशन ने जिन कर्मियों की ड्यूटी कैश कलेक्शन सेंटर पर बिल जमा करने की लगाई है,वह बहिष्कार करेंगे,इससे उपभोक्ता के बिल जमा नहीं करेंगे।

                      आवेदकों को नहीं मिल सकेंगे कनेक्शन

                      पावर कॉर्पोरेशन के झटपट पोर्टल पर आवेदन होने वाले बिजली कनेक्शन की कोई सुनवाई नहीं होगी,जब तक जेई की रिपोर्ट नहीं लगेगी, तब तक नए कनेक्शन नहीं मिल सकेंगे।

                      गलत बिल का नहीं होगा संशोधन:

                      बिलिंग एजेंसी की ओर से जिन उपभोक्ताओं के गलत रीडिंग के बिल बना दिए जाते हैं, उनको कर्मियों की मीटर की जांच के बाद संशोधित किया जाता है। बहिष्कार से यह काम भी नहीं होगा।

                      विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से निजीकरण की लड़ाई में आमजन से भी सहयोग का आह्वान किया गया है।इसीलिए बेमियादी कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली आपूर्ति में आने वाले ब्रेकडाउन का निराकरण करेंगे,जिससे उपभोक्ताओं को इस गर्मी में परेशानी न हो। उधर समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का मानना है कि निजीकरण से पूंजीपतियों के हाथ में बिजली व्यवस्था पहुंच जाएंगी,इससे पूंजीपति बिजली को मनमाने तरीके से महंगा करके बेचेंगे।

                      अब राशन कार्ड धारकों को राशन  के साथ साथ हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये ऐसे करे अप्लाई

                      सरकार ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत राशन कार्ड धारकों को अब मुफ्त राशन के साथ हर महीने ₹1000 की नकद सहायता भी दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को महंगाई के समय में आर्थिक संबल देना है ताकि वे अपने आवश्यक खर्चों को आसानी से पूरा कर सकें।

                      किसे मिलेगा लाभ?

                      इस योजना का लाभ उन सभी परिवारों को मिलेगा जिनके पास वैध बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) या अंत्योदय राशन कार्ड हैं। इसके अलावा कुछ राज्यों में APL (गरीबी रेखा से ऊपर) कार्ड धारकों को भी पात्रता के आधार पर लाभ दिया जा सकता है। महिला मुखिया वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

                      सरकार लोगों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े कदम समय-समय उठाती रहती है, जिससे उसका लोगों को लाभ भी हो और उनका एक मजबूत वोट बैंक बना रहे इस बार सरकार राशन कार्डधारकों के लिए एक नई योजना लाई है. सरकार ने एक ऐसी योजना की घोषणा की है, जिसका लाभ एक बड़े वर्ग के लोगों को मिलने वाला है. खासकर यह योजना उन परिवार के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इस योजना के तहत उन परिवारों को अनाज के साथ-साथ हर महीने 1000 रूपये भी मिलेंगे

                      योजना का क्या है उद्देश्य

                      इस योजना का उद्देश्य न केवल मुफ्त राशन प्रदान करना है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करना है. इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो मानदंडों को पूरा करेंगे. इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले आपका राशन कार्डधारक होना अनिवार्य है. आपकी वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम होना चाहिए. राशन कार्ड की केवाईसी होना चाहिए. इस योजना में प्रत्येक लाभार्थी को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जायेगी. इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने हजार रुपये की वित्तीय सहायता बैंक अकाउंट में भेजी जाएगी, जिससे इस योजना में पारदर्शिता बनी रहे।

                      इस तरह से करे आवेदन

                      इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है. आवेदन करने के लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड बैंक पासबुक कॉपी, आय प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र आदि होना चाहिए. अब आवेदन करने के लिए राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति वेबसाइट पर जाएं. राशन कार्ड नई योजना 2025 के लिए आवेदन लिंक पर क्लिक करें. राशन कार्ड नंबर और अन्य जानकारी भरें, दस्तावेज अपलोड करें. इसके बाद फॉर्म जमा करें. सरकार ने e-kyc को अनिवार्य कर दी है. ताकि सही लाभार्थियों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके. रिपोर्ट के अनुसार यह योजना 1 जून 2025 से शुरू हो जाएगी।

                      भारत में ‘Hutch’ से ‘Vodafone’ और फिर ‘Vi’ तक का सफर: एक ब्रांड का उदय, विलय और अंतरराष्ट्रीय विस्तार

                      टेलीकॉम जगत में जब भी पुरानी यादों की बात होती है, तो ‘Hutch’ नाम जरूर जेहन में आता है। खासकर उसका वह क्यूट पग वाला ऐड जिसने करोड़ों भारतीयों के दिलों में जगह बनाई थी। लेकिन बहुत से लोगों को अब यह ठीक से याद नहीं कि हच (Hutch) कंपनी का क्या हुआ? वह आज कहां है? और कैसे भारत में एक बड़ा ब्रांड बनकर वोडाफोन में विलीन हो गया। साथ ही, दुनिया के किन देशों में यह ब्रांड आज भी काम कर रहा है, यह जानना भी रोचक है।

                      भारत में Hutch की शुरुआत और प्रभाव
                      भारत में Hutch की शुरुआत 1992 में ‘Hutchison Max Telecom Ltd (HMTL)’ के नाम से हुई थी। यह हांगकांग की Hutchison Whampoa और भारत के Max Group का संयुक्त उद्यम था। 1994 में कंपनी ने मुंबई सर्कल में ‘Max Touch’ ब्रांड के तहत मोबाइल सेवाएं शुरू कीं। बाद में यह ब्रांड ‘Orange’ के रूप में जाना गया और फिर 2003 में ‘Hutch’ के नाम से पूरे भारत में तेजी से फैला।

                      Hutch की मार्केटिंग रणनीति, खासकर उसका ‘Wherever you go, our network follows’ स्लोगन और पग वाला विज्ञापन बेहद लोकप्रिय हुआ। यह ब्रांड शहरी युवा वर्ग के बीच भरोसे का प्रतीक बन गया था। Hutch ने भारत में कई सर्किलों में खुद को मजबूत किया और प्रतिस्पर्धियों से मुकाबले में अपनी खास पहचान बनाई।

                      Vodafone में विलय और ब्रांड का अंत
                      2007 में एक बड़ा बदलाव आया जब ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी Vodafone Group ने Hutchison Essar में 67% हिस्सेदारी करीब 11.1 बिलियन डॉलर में खरीद ली। इसके बाद कंपनी का नाम बदलकर Vodafone Essar हो गया। कुछ सालों में वोडाफोन ने शेष हिस्सेदारी भी खरीद ली और Hutch ब्रांड पूरी तरह से भारत से गायब हो गया।

                      2018 में टेलीकॉम सेक्टर की प्रतिस्पर्धा और जियो के आगमन से वोडाफोन को बड़ा झटका लगा। इसी वजह से Vodafone India और Idea Cellular का विलय हुआ और एक नई कंपनी बनी ‘Vodafone Idea Limited’, जिसे अब ‘Vi’ के नाम से जाना जाता है। इस विलय का उद्देश्य नेटवर्क, संसाधन और ग्राहक आधार को मिलाकर जियो और एयरटेल से मुकाबला करना था।

                      दूसरे देशों में Hutch का अस्तित्व और वर्चस्व
                      भारत से भले ही Hutch का नाम मिट गया हो, लेकिन यह ब्रांड पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। वर्तमान में Hutch ब्रांड श्रीलंका में ‘Hutchison Telecommunications Lanka Pvt. Ltd.’ के नाम से सक्रिय है। यह CK Hutchison Holdings का हिस्सा है और श्रीलंका के टॉप मोबाइल ऑपरेटर्स में शामिल है। Hutch श्रीलंका में 2G, 3G और 4G सेवाएं दे रही है और अब 5G की तैयारी में है।

                      इसके अलावा, Hutch ब्रांड वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी Hutchison Asia Telecom Group के तहत सक्रिय है। ये सभी देश हच की इंटरनेशनल रणनीति का हिस्सा हैं जहाँ यह स्थानीय स्तर पर टेलीकॉम सेवाएं प्रदान कर रही है।

                      Deoria News: देवरिया: रेलवे ट्रैक पर पति और घर में मिली पत्नी की लाश, ग्राम माथापार में सनसनी

                      देवरिया जनपद के सलेमपुर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम माथापार में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक ही परिवार के दो सदस्यों की मौत की खबर ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। एक तरफ रेलवे ट्रैक पर पति की लाश मिली, तो दूसरी तरफ कुछ ही दूरी पर स्थित घर में उसकी पत्नी का शव भी बरामद हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है। फिलहाल पूरे मामले को संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

                      घटना की शुरुआत उस समय हुई जब ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक पर एक युवक का शव पड़ा देखा। तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। जानकारी मिलते ही सलेमपुर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव की पहचान की। मृतक की पहचान ग्राम माथापार निवासी जितेंद्र कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही थी कि तभी पुलिस कंट्रोल रूम का फोन दोबारा बज उठा।

                      फोन पर सूचना मिली कि ग्राम माथापार में ही एक घर के अंदर एक महिला का शव पड़ा हुआ है। पुलिस तत्काल बताए गए पते पर पहुंची, जहां पर मृतक जितेंद्र कुमार की पत्नी का शव मिला। महिला भी मृत अवस्था में पाई गई, जिसके बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई। दोनों की मौत ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

                      पुलिस जब महिला के घर की तलाशी ले रही थी तो वहां एक कागज का टुकड़ा मिला, जिस पर कुछ लिखा हुआ था। उस कागज की सामग्री को लेकर पुलिस फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रही है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि वह कोई सुसाइड नोट हो सकता है। पुलिस ने उस कागज को जब्त कर लिया है और उसे जांच के लिए भेजा जा रहा है।

                      इस दोहरी मौत की खबर से पूरा ग्राम माथापार सकते में है। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई साधारण घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है। कुछ ग्रामीणों ने तो हत्या की आशंका भी जताई है। गांव वालों का कहना है कि पति-पत्नी के बीच किसी प्रकार का विवाद नहीं था, ऐसे में अचानक दोनों की मौत ने सबको हैरान कर दिया है।

                      पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा रही है और फारेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो पाएगा।

                      फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और परिजनों से पूछताछ भी जारी है। गांव में पुलिस की तैनाती कर दी गई है ताकि किसी भी तरह की अफवाह फैलने से रोका जा सके। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कागज पर लिखे गए संदेश से यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह आत्महत्या का मामला है या फिर किसी साजिश के तहत की गई हत्या।

                      देवरिया जिले के इस सनसनीखेज मामले ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि प्रशासन को भी हिला कर रख दिया है। अब सभी की नजरें पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं।

                      UP Weather Alert:उत्तर प्रदेश के मौसम में अचानक ऐसे बदलाव क्यू हो रहे है क्या है कारण? आने वाले दिनों मे कैसा रहेगा मौसम जाने पूरी खबर……

                      उत्तर प्रदेश, भारत के सबसे बड़े और जनसंख्या में अग्रणी राज्यों में से एक है। इसका मौसम वर्षों से काफी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। परंपरागत रूप से यूपी में मौसम चक्र बहुत स्पष्ट हुआ करता था गर्मी, मानसून और सर्दी तीनों ऋतुएं अपने समय पर आती थीं और सामान्य रूप से व्यवहार करती थीं। लेकिन अब यह स्थिरता टूटती दिख रही है। मौसम की अनिश्चितता, असमय बारिश, बेमौसम गर्मी व ठंड, और प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा या बाढ़ अधिक सामान्य हो गई हैं। आइए समझते हैं इसके प्रमुख कारण और भविष्य की संभावनाएं।

                      मौसम में बदलाव के प्रमुख कारण:

                      1. जलवायु परिवर्तन (Climate Change):
                        वैश्विक स्तर पर हो रहे जलवायु परिवर्तन का सीधा असर उत्तर प्रदेश के मौसम पर भी पड़ रहा है। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण, और कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा से धरती का तापमान बढ़ रहा है। इसके कारण मौसम चक्र असामान्य हो गया है।वनों की कटाई (Deforestation):

                      2. उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते शहरीकरण और खेती के विस्तार के चलते वनों की कटाई बड़े पैमाने पर हुई है। वृक्षों की कमी से वर्षा चक्र बाधित होता है और स्थानीय मौसम में असंतुलन पैदा होता है।भू-जल स्तर में गिरावट:
                        अत्यधिक जल दोहन और बारिश के पानी को संरक्षित न करने के कारण भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है। इससे सूखा पड़ने की संभावना बढ़ी है और मौसम पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।शहरीकरण और प्रदूषण:
                        लखनऊ, कानपुर, वाराणसी जैसे शहरों में तेजी से बढ़ते वाहन, फैक्ट्रियां और निर्माण कार्य वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। इससे हवा की गुणवत्ता घट रही है और वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि हो रही है।
                      3. असंतुलित कृषि प्रणाली:
                        अत्यधिक रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग, जल संसाधनों का अत्यधिक उपयोग, और परंपरागत कृषि प्रणाली से हटने के कारण भी पर्यावरण पर दबाव बढ़ा है जिससे मौसम चक्र पर असर पड़ा है।

                      आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश का मौसम कैसा रहेगा?

                      1. अत्यधिक तापमान की संभावना:
                        आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में गर्मी के दिनों की संख्या बढ़ सकती है और तापमान 48°C तक भी पहुंच सकता है, खासकर बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के क्षेत्रों में।
                      2. असमान वर्षा वितरण:
                        मानसून अब नियमित नहीं रहा। कुछ क्षेत्रों में बहुत अधिक बारिश होती है जबकि कुछ इलाके सूखे की चपेट में आ जाते हैं। भविष्य में वर्षा का यह असंतुलन और बढ़ सकता है।
                      3. कोहरे और ठंड में वृद्धि:
                        सर्दियों में कोहरा अधिक घना और लंबा होता जा रहा है। इससे न केवल यातायात प्रभावित होता है बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। भविष्य में कोहरे की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
                      4. बाढ़ और सूखे की बढ़ती घटनाएं:
                        गंगा, घाघरा, शारदा जैसी नदियों में मानसून के दौरान अचानक जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बना रहता है। वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र सूखे से प्रभावित रहते हैं।

                      उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव गंभीर चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण मानव जनित गतिविधियां, जैसे प्रदूषण, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन हैं। यदि यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती रही, तो आने वाले दिनों में राज्य को और अधिक भीषण मौसम स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। इससे बचने के लिए हरित क्षेत्र बढ़ाना, जल संरक्षण करना, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना और पर्यावरणीय जागरूकता आवश्यक है। राज्य और नागरिकों को मिलकर सतत विकास की ओर कदम बढ़ाना होगा, ताकि भविष्य में मौसम की इन विकट चुनौतियों से बचा जा सके।

                      Deoria News: टीनशेड में करंट उतरने से देवरिया में दर्दनाक हादसा: तीन की मौत, पांच लोग गंभीर रूप से झुलसे

                      देवरिया जनपद के लार थाना क्षेत्र के जनुआ गांव में शुक्रवार की शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। यहां टीनशेड में करंट उतरने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब गांव के ही कृष्ण बिहारी पांडेय के घर पर टीनशेड लगाया जा रहा था। इस कार्य में गांव के कई लोग सहयोग कर रहे थे।

                      प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, काम के दौरान अचानक टीनशेड में करंट उतर आया, जिससे वहां मौजूद लोग उसकी चपेट में आ गए। इस दर्दनाक हादसे में 27 वर्षीय मोनू पांडेय, जो भारतीय सेना में कार्यरत थे, 18 वर्षीय पवन कुशवाहा और 22 वर्षीय शिवम उर्फ गुंजन पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पूरा गांव सदमे में डूब गया।

                      हादसे में घायल हुए लोगों में 22 वर्षीय वेद प्रकाश पांडेय, 22 वर्षीय अजय रजक, 25 वर्षीय जयशंकर शर्मा, 45 वर्षीय शत्रुघन पांडेय और 50 वर्षीय कृष्ण बिहारी पांडेय शामिल हैं। ये सभी लोग करंट की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गए हैं। घायलों को तत्काल सीएचसी लार पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत को देखते हुए उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया रेफर कर दिया गया।

                      घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर तुरंत मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच शुरू कर दी। इसके साथ ही सलेमपुर की विधायक और राज्य मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम भी गांव पहुंचीं और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। प्रशासन की टीम ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।

                      इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। मृतकों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग घटना को लेकर स्तब्ध हैं। बताया जा रहा है कि टीनशेड में करंट कैसे आया, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ लोगों का कहना है कि टीनशेड बिजली के खंभे के संपर्क में आ गया था, जिससे यह हादसा हुआ। हालांकि, प्रशासनिक जांच के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा।

                      स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि प्रशासन से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और घायलों के उचित इलाज की मांग कर रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे ने एक बार फिर बिजली सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

                      यह घटना न केवल एक तकनीकी लापरवाही का परिणाम है, बल्कि इससे कई परिवारों का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। लोगों की मांग है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं।

                      देवरिया में शादी समारोह के दौरान युवक की गोली मारकर हत्या, इलाके में सनसनी

                      देवरिया जिले के खुखुंदू थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम खजुरी करौता में उस समय हड़कंप मच गया जब एक शादी समारोह के दौरान बारात में शामिल एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान राजन यादव के रूप में हुई है, जो बारात में शामिल होने आए थे। यह दर्दनाक घटना शनिवार देर रात की है, जब शादी की रस्मों के दौरान अचानक गोलियों की आवाज से समारोह का माहौल मातम में बदल गया।

                      प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब शादी में जयमाला की तैयारी चल रही थी, तभी अचानक एक अनजान व्यक्ति ने भीड़ में घुसकर राजन यादव को निशाना बनाते हुए दो गोलियां दाग दीं। गोली लगते ही राजन लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। गोली चलने की आवाज सुनकर समारोह में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने तुरंत हमलावर को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हमलावर ने पीछा कर रहे लोगों को धमकाते हुए कहा, “भाग जाओ, वरना तुमको भी गोली मार दूंगा,” और उसके बाद वह चार पहिया वाहन से मौके से फरार हो गया।

                      घायल राजन यादव को आनन-फानन में जिला अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद हालत गंभीर देखते हुए मेडिकल कॉलेज देवरिया रेफर किया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से जहां मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया है, वहीं गांव और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया है।

                      घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक देवरिया सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है। गांव में पूछताछ के साथ-साथ अपराधियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

                      पुलिस के अनुसार यह एक पूर्व नियोजित हत्या हो सकती है, क्योंकि जिस तरह से हमलावर सीधे राजन यादव को निशाना बनाकर आया और सटीक तरीके से गोली मारी, उससे यह कोई आपसी रंजिश या पुरानी दुश्मनी का मामला प्रतीत हो रहा है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं से जांच में जुटी हुई है।

                      पुलिस अधीक्षक ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, मृतक के परिजनों की ओर से भी थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

                      इस दर्दनाक वारदात से पूरे इलाके में शोक की लहर है और लोग इस घटना को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।

                      Deoria News: राप्ती नदी में नहाने गए किशोर को बचाने में दो युवकों की डूबकर मौत, गांव में छाया मातम

                      देवरिया जनपद के एकौना क्षेत्र से बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां बुधवार की सुबह राप्ती नदी में नहाने के दौरान डूब रहे एक किशोर को बचाने की कोशिश में दो अन्य किशोरों की जान चली गई। हादसा एकौना थाना क्षेत्र के डढि़या गांव के पास हुआ, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। मृतकों में एक किशोर देवरिया जनपद के भिरवा गांव का निवासी था, जबकि दूसरा गोरखपुर जनपद के बड़हलगंज थाना क्षेत्र के खुटभार गांव का रहने वाला था। यह हादसा सुबह लगभग 11 बजे के आसपास हुआ।

                      जानकारी के मुताबिक, नरायनपुर गांव निवासी 12 वर्षीय समर पुत्र गिरीश बुधवार की सुबह राप्ती नदी में नहाने गया था। नहाते समय वह गहराई में चला गया और डूबने लगा। समर को डूबता देख उसी क्षेत्र के भिरवा गांव निवासी 17 वर्षीय सुजीत साहनी पुत्र राजेश बिना कुछ सोचे-समझे उसे बचाने के लिए नदी में कूद पड़ा। लेकिन नदी का बहाव तेज होने के कारण दोनों ही डूबने लगे।

                      इसी दौरान नदी के दूसरे छोर पर मौजूद कंसासुर गांव के घाट पर खड़ा गोरखपुर के खुटभार गांव निवासी 15 वर्षीय प्रियांशु पुत्र भोला पासवान भी यह दृश्य देख रहा था। इंसानियत का फर्ज निभाते हुए वह भी तुरंत नदी में कूद गया, ताकि दोनों की जान बचाई जा सके। लेकिन राप्ती नदी के तेज बहाव और गहराई ने उसकी भी जान ले ली।

                      घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों से लोगों की भारी भीड़ घटनास्थल पर जुट गई। गनीमत रही कि समर किसी तरह खुद को संभालते हुए नदी के किनारे तक पहुंच गया और उसकी जान बच गई। लेकिन उसे बचाने के लिए नदी में कूदे सुजीत और प्रियांशु की मौत हो गई।

                      ग्रामीणों की मदद से दोनों किशोरों को किसी तरह नदी से बाहर निकाला गया। गंभीर हालत में सुजीत को उसके परिजन तत्काल सीएचसी रुद्रपुर लेकर पहुंचे, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं प्रियांशु को बड़हलगंज सीएचसी ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी भी मौत हो चुकी थी।

                      इस हृदयविदारक हादसे से दोनों गांवों में मातम छा गया है। जहां एक ओर समर के परिजन उसकी जान बच जाने पर राहत की सांस ले रहे हैं, वहीं सुजीत और प्रियांशु के परिजन गहरे सदमे में हैं। गांव में हर कोई इन दोनों किशोरों की बहादुरी और इंसानियत को सलाम कर रहा है, जिन्होंने किसी और की जान बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी।

                      स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया गया है।

                      4o