भारत में सोने की कीमतों ने इतिहास रच दिया है। 24 कैरेट गोल्ड पहली बार ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया है। शादी-ब्याह के सीजन के बीच इस बेतहाशा बढ़ोतरी ने आम लोगों की जेब पर भारी असर डाला है। 22 अप्रैल 2025 को देश के फिजिकल मार्केट में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹97,200 दर्ज की गई, जिसमें 3% जीएसटी जोड़ने के बाद अंतिम खुदरा मूल्य ₹1,00,116 हो गया।

यह पहली बार है जब सोना इस ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गया है। अगर हम अप्रैल 2023 से तुलना करें तो उस समय सोने की कीमत लगभग ₹70,000 प्रति 10 ग्राम थी। यानी दो साल के भीतर ₹30,000 प्रति 10 ग्राम की भारी बढ़त देखने को मिली है। यह बढ़ोतरी न सिर्फ रिकॉर्ड स्तर पर है, बल्कि सोने को निवेशकों के लिए और भी अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बना रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह उछाल कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारणों से हुआ है। वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिका में बैंकिंग संकट की आशंका, डॉलर की कमजोरी और मध्य पूर्व में जारी भू-राजनीतिक तनावों ने सोने की मांग को और मजबूत किया है। निवेशक अब शेयर बाजार या अन्य अस्थिर निवेश माध्यमों से हटकर सोने को “सेफ हेवन” के रूप में देख रहे हैं।
इस तेजी का एक प्रमुख कारण यह भी है कि भारतीयों की पारंपरिक सोच में सोना सिर्फ आभूषण नहीं बल्कि निवेश और संपत्ति का प्रतीक है। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह आज भी सबसे सुरक्षित बचत मानी जाती है। इसके साथ ही केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड को बढ़ावा दिए जाने से भी इसमें निवेश बढ़ा है।
अप्रैल-मई में शादी का सीजन अपने चरम पर होता है और यही कारण है कि इस समय सोने की मांग हर साल चरम पर पहुंच जाती है। इस साल हालांकि बढ़ती कीमतों ने ग्राहकों को थोड़ा सतर्क जरूर किया है, लेकिन मांग में कोई खास गिरावट नहीं आई है।
जल्द ही विशेषज्ञों की ओर से एक रिपोर्ट जारी की जाएगी जिसमें बताया जाएगा कि भारत में किस-किस तिमाही में सोने के दाम कैसे बढ़े और किन आर्थिक कारकों ने इसे ₹1 लाख के आंकड़े तक पहुंचाया।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सोने की कीमत और बढ़ेगी? बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यदि वैश्विक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है, तो आने वाले महीनों में सोना ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम तक भी जा सकता है।