उत्तर प्रदेश के गोरखपुर देवरिया कुशीनगर सहित अन्य शहरों में चल रहे ई-रिक्शा पर लग सकता है ग्रहण

उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में तेजी से चल रही ई रिक्शा और उनकी संख्या को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दे दिया है उत्तर प्रदेश सरकार से मांगी है विशेष जवाब। उत्तर प्रदेश के लगभग सभी शहरों में ई रिक्शा की संख्या बढ़ गया है गोरखपुर देवरिया कुशीनगर महाराजगंज बनारस मेरठ बुलंदशहर जैसे सभी शहरों में हजारों की संख्या में ई रिक्शा चलाए जाते हैं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के सभी शहरों बिना किसी मानक के चल रहे ई रिक्शा के संबंध में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से यह पूछा है कि ई रिक्शा के लिए कोई गाइडलाइन है या नहीं आपको बता दे की उत्तर प्रदेश के लगभग सभी बड़े और छोटे शहरों में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ गई है किसी भी जनपद में 10000 से कम ई रिक्शा की संख्या नहीं है जिस वजह से आम जनता को कई सारी परेशानियां उठानी पड़ती है जिसको लेकर एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया, इस दौरान एडवोकेट सौरभ सिंह ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के प्रत्येक शहर में हजारों गैर रजिस्टर्ड बैटरी रिक्शा तोड़ रही है खास बात यह है कि उनकी ना कोई गाइडलाइन और ना ही रूट निर्धारित है इस कारण से बेतरतीब तरीके से शहर में दौड़ रहा है जिससे दुर्घटना का मुख्य कारण बन रहा है. एक व्यक्ति ने मेरठ शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि 30 लाख की आबादी वाले शहर में 13443 बैटरी ई रिक्शा रजिस्टर्ड है जबकि हकीकत में 50000 से ज्यादा बैटरी ई रिक्शा चल रही है जिस वजह से आम जनता सहित अन्य लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ताहै।

एडवोकेट सौरभ सिंह ने कहा कि बैटरी ई रिक्शा शहर में जाम का मुख्य कारण बनते हैं अधिकतम बैटरी ई रिक्शा चालक को ट्रैफिक नियम मालूम ही नहीं यहां तक की एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं देते हैं ई रिक्शा बुजुर्ग, महिला, नाबालिक बच्चे, भी चला रहे हैं जिस वजह से दुर्घटना भी हो रहा है। सुबह शाम दिन में किसी भी समय ई रिक्शा चालक तेज आवाज में फिल्मी गाने बजा कर चलते हैं जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इस संबंध में अगली सुनवाई हाई कोर्ट के द्वारा 23 मई को की जाएगी।

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