Dev Diwali Varanasi 2024: वाराणसी में देव दीपावली: गंगा घाटों पर अद्भुत दीपों की जगमगाहट

वाराणसी: देव दीपावली का पर्व वाराणसी में भव्यता और अद्भुत सौंदर्य के साथ मनाया गया। हर साल कार्तिक पूर्णिमा की रात को मनाया जाने वाला यह पर्व गंगा घाटों को अनगिनत दीपों से सजा देता है। इस बार भी काशी के घाटों पर अद्वितीय रौनक देखने को मिली। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनने के लिए यहां पहुंचे।

गंगा आरती और दीपों की छटा

देव दीपावली के दिन वाराणसी के लगभग 84 घाटों पर लाखों दीप जलाए गए। गंगा आरती का दृश्य अत्यंत मनमोहक था, जहां गंगा की लहरों पर दीपों की परछाईं झिलमिला रही थी। श्रद्धालु ‘हर हर महादेव’ और ‘गंगा मैया की जय’ के जयकारों के साथ इस दृश्य को निहारते नजर आए। दशाश्वमेध, अस्सी और राजेंद्र घाट जैसे प्रमुख घाटों पर विशेष सजावट की गई थी।

विशेष आकर्षण

इस साल देव दीपावली पर ड्रोन शो और लेजर लाइट शो का आयोजन भी किया गया, जिसने कार्यक्रम को और भव्य बना दिया। ड्रोन के जरिए काशी के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दिखाया गया। इसके अलावा, रामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित झांकियों ने भी लोगों का ध्यान खींचा।

श्रद्धालुओं का सैलाब

वाराणसी में देव दीपावली के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर वाराणसी में उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने गंगा आरती में भाग लिया और घाटों पर दीप प्रज्वलित किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्चुअल माध्यम से इस पर्व पर अपनी शुभकामनाएं दीं।

धार्मिक महत्व

देव दीपावली को देवताओं के दीपावली के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इस विजय के उपलक्ष्य में देवताओं ने गंगा तट पर दीप प्रज्वलित किए थे। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।

पर्यावरण के प्रति जागरूकता

इस बार आयोजन में पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा गया। प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था। मिट्टी के दीयों का ही उपयोग किया गया, जिससे स्थानीय कुम्हारों को भी लाभ मिला।

भव्यता का अद्भुत संगम

देव दीपावली पर वाराणसी की सजावट को देखकर ऐसा प्रतीत होता था जैसे आसमान धरती पर उतर आया हो। घाटों के अलावा, शहर के मंदिर, सड़कें और गलियां भी रोशनी से सजी हुई थीं। काशी विश्वनाथ धाम को इस मौके पर विशेष रूप से सजाया गया।

देव दीपावली केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह दिन न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पर्यटकों और कलाकारों के लिए भी खास होता है। इस अवसर पर काशी के घाटों का दृश्य पूरी दुनिया को आकर्षित करता है।

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