देवरिया, उत्तर प्रदेश — आमतौर पर पुलिस भर्ती के बाद अभ्यर्थी अपने प्रशिक्षण के लिए उत्साहित और तैयार रहते हैं, लेकिन देवरिया जिले में एक नया और थोड़ा अजीब मामला सामने आया है। यहां उत्तर प्रदेश पुलिस में हाल ही में भर्ती हुआ एक नवयुवक सिपाही जब सुबह जल्दी उठकर ट्रेनिंग करने में असमर्थता जताने लगा, तो सीधे एसपी ऑफिस पहुंच गया और कुछ ऐसा कहा कि वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया।

दरअसल, गाजीपुर जिले का रहने वाला यह युवक देवरिया पुलिस लाइन में चल रहे प्रशिक्षण के पहले ही दिन अपने पिता के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और एसपी के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) से मुलाकात की। उसने कहा कि वह इतनी सुबह उठकर ट्रेनिंग नहीं कर सकता क्योंकि उसे सुबह आठ बजे तक सोने की आदत है। युवक ने यहां तक कहा कि वह इस समय-सारिणी के अनुसार प्रशिक्षण नहीं ले पाएगा, इसलिए वह यह नौकरी छोड़ना चाहता है।
जब पीआरओ ने उसकी बात सुनी तो उन्होंने पहले तो हैरानी जताई, लेकिन फिर उसे समझाने-बुझाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि पुलिस की ट्रेनिंग और ड्यूटी का समय तय है और सभी को अनुशासन के तहत कार्य करना पड़ता है। इसके साथ ही सिपाही के पिता ने भी उसे समझाया कि जीवन में सफलता के लिए त्याग और अनुशासन जरूरी है। पिता ने यह भी बताया कि उनका बेटा बीएड कर चुका है और शिक्षक बनना चाहता था, लेकिन चयन पुलिस में हुआ, इसलिए ट्रेनिंग की आदत डालना जरूरी है।
इस पूरी बातचीत के बाद युवक ने अपनी शिकायत वापस ले ली और बिना एसपी से मिले ही वापस लौट गया। अब वह नियमित रूप से देवरिया पुलिस लाइन में चल रही ट्रेनिंग में भाग ले रहा है।
उत्तर प्रदेश में हाल ही में पुलिस सिपाही पदों पर बड़ी संख्या में युवाओं की भर्ती की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नियुक्ति पत्र वितरण के बाद प्रशिक्षुओं को समय से ट्रेनिंग में शामिल होने के निर्देश दिए थे। देवरिया में गाजीपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर और आजमगढ़ जैसे जिलों से आए युवाओं की ट्रेनिंग पुलिस लाइन में चल रही है।
इस घटना ने पुलिस प्रशिक्षण व्यवस्था की गंभीरता को भी रेखांकित किया है। जहां एक ओर कुछ युवा पूरी मेहनत और लगन से देश सेवा में जुटना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को अनुशासन की आदत डालने में वक्त लग रहा है। हालांकि, यह घटना भले ही थोड़ी हास्यास्पद लगे, लेकिन यह एक अहम संदेश भी देती है—सरकारी सेवा में केवल चयन नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहना भी उतना ही ज़रूरी है।