पति से परेशान दो महिलाओं ने आपस में रचाई शादी, साथ जीने-मरने की खाई कसमें
देवरिया जनपद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है। गोरखपुर की दो महिलाएं, जो अपने-अपने पतियों की प्रताड़ना से परेशान थीं, उन्होंने आपसी सहमति से शादी रचाकर एक नई मिसाल कायम की। दोनों ने देवरिया के रुद्रपुर स्थित नाथ बाबा मंदिर में विवाह किया और साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है।

इंस्टाग्राम से हुई दोस्ती और शादी का निर्णय
इस अनोखी शादी की शुरुआत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम से हुई। कविता और गुंजा (बदला हुआ नाम) की दोस्ती वहीं से शुरू हुई। दोनों ने बताया कि उनकी जिंदगी में बहुत परेशानियां थीं। उनके पति शराब के आदी थे और अक्सर नशे में उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे। पति की प्रताड़ना से परेशान होकर उन्होंने अपनी जिंदगी को नई दिशा देने का फैसला किया। दोनों ने मिलकर घर छोड़ने और शादी करने का साहसिक निर्णय लिया।
नाथ बाबा मंदिर में रचाई शादी
कविता और गुंजा ने बताया कि उन्होंने देवरिया जिले के रुद्रपुर में स्थित प्रसिद्ध नाथ बाबा मंदिर में शादी रचाई। मंदिर में शादी के दौरान उन्होंने एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और विश्वास को जताया। शादी के बाद दोनों ने कहा कि अब वे गोरखपुर में एक किराए के मकान में साथ रहेंगे और अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जीएंगी।

पति की प्रताड़ना से तंग आकर लिया फैसला
कविता ने बताया कि उनके पति शराब के नशे में आए दिन उनसे झगड़ा करते थे और मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे। गुंजा की भी कहानी कुछ ऐसी ही थी। उनके अनुसार, उनके पति का व्यवहार भी बेहद खराब था, जिससे उनका जीना दूभर हो गया था। दोनों महिलाओं ने अपने पतियों से अलग होने और एक-दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया।
समाज की परवाह न करते हुए लिया साहसिक कदम
कविता और गुंजा का कहना है कि उन्हें पता है कि उनका यह कदम समाज के रीति-रिवाजों और परंपराओं के खिलाफ है। बावजूद इसके, उन्होंने अपने प्रेम और स्वतंत्रता के लिए इस निर्णय को प्राथमिकता दी। उन्होंने बताया कि समाज में बदलाव लाने के लिए किसी न किसी को पहल करनी पड़ती है। दोनों ने कहा कि वे इस रिश्ते को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाएंगी।
स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद स्थानीय क्षेत्र में चर्चा का माहौल है। कुछ लोग उनके साहसिक कदम की सराहना कर रहे हैं, तो कुछ इसे समाज के नियमों के खिलाफ बता रहे हैं। हालांकि, कविता और गुंजा का कहना है कि वे इन बातों पर ध्यान नहीं देंगी और अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
महिलाओं का संदेश
कविता और गुंजा ने अपनी कहानी के जरिए उन महिलाओं को संदेश दिया है, जो अपने जीवनसाथी की प्रताड़ना सहते हुए चुप रहती हैं। उन्होंने कहा कि जिंदगी में खुश रहने का अधिकार सभी को है, और अगर कोई इस अधिकार का हनन करता है, तो हमें अपने लिए खड़ा होना चाहिए।
निष्कर्ष
पति की प्रताड़ना से परेशान होकर आपस में शादी करने वाली इन महिलाओं की कहानी कई सवाल खड़े करती है। यह घटना न केवल समाज की सोच को चुनौती देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किसी भी रिश्ते में प्रेम, सम्मान और समानता का होना कितना जरूरी है। कविता और गुंजा की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो समाज के डर से अपने हक के लिए खड़े होने से कतराते हैं।