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Deoria News: देवरिया में अवैध ई-रिक्शा बने सिरदर्द, पुलिस ने शुरू की सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो अब जनता के लिए सुविधा से ज्यादा परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं। राज्य सरकार के निर्देशों के बाद अब जिला पुलिस ने ऐसे अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है, जो नियमों का पालन किए बिना शहर की सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं।

शहर के मुख्य मार्गों, बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में इन ई-रिक्शा की वजह से आए दिन ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं हो रही हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कई ई-रिक्शा नाबालिग लड़कों द्वारा चलाए जा रहे हैं, जिन्हें ट्रैफिक नियमों की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे चालक बिना किसी संकेत के कहीं भी मुड़ जाते हैं, जिससे अन्य वाहन चालकों को संभलने का समय नहीं मिल पाता और दुर्घटना हो जाती है।

स्थानीय नागरिकों की मानें तो ई-रिक्शा की शुरुआत एक इको फ्रेंडली और प्रदूषण रहित विकल्प के रूप में हुई थी। लेकिन अब इनकी अनियंत्रित संख्या शहर की व्यवस्था को बिगाड़ने का काम कर रही है। पार्किंग की जगह की भारी कमी, अव्यवस्थित संचालन और नियमों की अनदेखी ने ई-रिक्शा को समस्या का रूप दे दिया है। खासकर बाजारों और स्कूलों के आसपास यह वाहन सवारी भरने के लिए बीच सड़क पर ही खड़े हो जाते हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है।

पुलिस प्रशासन ने अब इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए पूरे जिले में अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत उन ई-रिक्शा को चिन्हित किया जा रहा है जो बिना रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, बीमा या ड्राइविंग लाइसेंस के संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे रिक्शा को जब्त कर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही चालकों को भी चेतावनी दी जा रही है कि नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और सख्त कार्रवाई दोनों हो सकती है।

देवरिया वासियों का कहना है कि यह कदम देर से ही सही लेकिन बहुत जरूरी था। प्रशासन यदि समय रहते इस समस्या को नियंत्रित नहीं करता तो आने वाले समय में स्थिति और भी खराब हो सकती थी। नागरिकों ने अपील की है कि ई-रिक्शा को रेगुलेट किया जाए, लाइसेंस प्राप्त ड्राइवर ही इन्हें चलाएं और नगर निगम द्वारा तय रूटों पर ही इन्हें चलने की अनुमति दी जाए।

सरकार और प्रशासन का यह कदम न केवल ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में मदद करेगा बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी लाएगा। अब देखना यह है कि यह अभियान कितना प्रभावी साबित होता है और देवरिया की सड़कों पर फिर से व्यवस्था लौटती है या नहीं।

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