देवरिया, दिसंबर 2024: देवरिया के पुलिस लाइन स्थित मनोरंजन कक्ष में विशेष किशोर पुलिस इकाई (एसजेपीयू) की मासिक समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, जय प्रकाश तिवारी ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट-2015), बाल विवाह रोकथाम, और बच्चों के संरक्षण व पुनर्वास के प्रयासों की समीक्षा करना था।
बैठक की मुख्य चर्चाएं और एजेंडा
बैठक के दौरान जय प्रकाश तिवारी ने जेजे एक्ट-2015, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006, और केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण (कारा) के तहत बच्चों को गोद लिए जाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। यह अभियान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संचालित किया जा रहा है।
श्रीराम कृपाल, प्रभारी अधीक्षक, राजकीय बाल गृह (बालक), ने बच्चों के संरक्षण और पुनर्वास से संबंधित विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कारा के तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।
पंकज मिश्र, श्रम विभाग से, ने श्रम से जुड़े नियमों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी। वन स्टॉप सेंटर की प्रबंधक नीतू भारती और मनोवैज्ञानिक मीनू जायसवाल ने सेंटर के कार्य, वहां दी जा रही सेवाओं, और पीड़ित महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी जानकारियां साझा कीं।
बाल विवाह रोकथाम पर जोर
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। बाल विवाह की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी और कानून के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे।
विशेषज्ञों और अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार शर्मा, जिला परिवीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सोनकर, सपोर्ट पर्सन विभा पांडेय, आकंड़ा विश्लेषक मोहम्मद सुल्तान अली सिद्दीकी, जिला बाल संरक्षण इकाई के आकाश सिंह कुशवाहा, और राजभर आरक्षी (थाना एएचटीयू) उपस्थित रहे। इसके साथ ही, जनपद के सभी थानों पर नामित बाल कल्याण पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
निष्कर्ष और आगामी कार्ययोजना
बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए गांव-गांव तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पीड़ित बच्चों और महिलाओं के पुनर्वास और सहायता के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
इस मासिक बैठक ने न केवल बाल संरक्षण के मुद्दों पर अधिकारियों और संबंधित विभागों को एक मंच पर लाने का कार्य किया, बल्कि भविष्य की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।