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Deoria News: देवरिया में अस्पताल के नाम पर मरीजों से लूटा जा रहा है लाखों रुपए जाने इसका काला सच

उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और मरीजों से की जा रही लूट-खसोट की काली सच्चाई अब सबके सामने आने लगी है। कथित अस्पतालों और क्लीनिकों में मरीजों से लाखों रुपए लूटे जा रहे हैं। विभिन्न चार्ज और बेड शुल्क के नाम पर मरीजों से भारी रकम वसूली जाती है, जिससे दूर-दराज से गंभीर बीमारियों का इलाज कराने आए लोग ठगा हुआ महसूस करते हैं। इस जिले में कई घटनाएं सामने आई हैं जिनमें डॉक्टर की लापरवाही से मरीजों की मौत हो गई है, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई नाममात्र की ही रहती है।

2024 में डॉक्टरों की लापरवाही से हुई कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो अमर उजाला के अनुसार, 7 जुलाई को सोनू घाट कोतवाली क्षेत्र के आईटीआई के निकट एक बुजुर्ग महिला की चिकित्सा लापरवाही के कारण इलाज के दौरान मौत हो गई। इसी तरह, हिन्दुस्तान.कॉम के अनुसार, मई 2024 में एक महिला की मृत्यु हो गई, जब एक प्राइवेट अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन करते समय डॉक्टर ने पेशाब की नली को सील कर दिया था। इस गलती के कारण महिला की किडनी और बच्चेदानी में संक्रमण फैल गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ऐसी घटनाएं देवरिया जनपद में आम हैं, लेकिन कार्रवाई के अभाव में कई मरीजों की जान चली जाती है।

आजकल देवरिया में अस्पताल चलाना इतना आसान हो गया है जैसे कोई किराना दुकान खोलना। कुछ सूत्रों की मानें तो जिसके पास पैसा है, वह अस्पताल चला सकता है, भले ही उसने डॉक्टर से संबंधित पढ़ाई की हो या नहीं। पैसे वाले लोग मेडिकल की पढ़ाई कर लौटे छात्रों की डिग्री का बोर्ड लगाकर उन्हें अस्पताल में नौकरी दे देते हैं। ऐसे डॉक्टर, जिनके पास अनुभव कम होता है, उन्हें मोटी सैलरी पर रखा जाता है और उनके नाम पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन करवा लिया जाता है। सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार कर इसे देवरिया का सबसे बेहतर अस्पताल बताया जाता है। लेकिन जानकारी के अभाव में जब लोग इन अस्पतालों में इलाज कराने जाते हैं तो उन्हें कई बार गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है या ऑपरेशन के दौरान गलतियों के कारण उनकी जान चली जाती है।

देवरिया के महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज में अच्छे डॉक्टर होने के बावजूद भी लोगों को उचित इलाज नहीं मिल पाता है। उच्च अधिकारी, सांसद, और विधायक को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि अच्छी व्यवस्था के बावजूद बेहतर इलाज क्यों नहीं हो पा रहा है। हालांकि, कुछ डॉक्टरों ने अपनी कुशलता से कई मरीजों की जान बचाई है, जिसके कारण देवरिया मेडिकल कॉलेज में मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है।

प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से पर्ची के नाम पर, बेड चार्ज के नाम पर, और विभिन्न जांचों के नाम पर भारी रकम वसूली जाती है। इन अस्पतालों में एक अलग से मेडिकल स्टोर होता है जहां डॉक्टर की लिखी दवा ही मिलती है। ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, और सीटी स्कैन जैसी जांचों पर भी डॉक्टरों का कमीशन बंधा हुआ होता है। यह देवरिया की स्वास्थ्य व्यवस्था की काली सच्चाई है।

इस प्रकार, देवरिया में मरीजों की दुर्दशा और अस्पतालों में हो रही लूट-खसोट की सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए ताकि उच्च अधिकारी और प्रशासन इस पर ध्यान देकर सुधार के कदम उठा सकें और जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

khabr AI

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