आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंतित है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और शहरीकरण की वजह से पर्यावरण असंतुलन की स्थिति बन रही है। ऐसे समय में उत्तर प्रदेश का देवरिया जनपद पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मिसाल बनकर उभर रहा है। यहां वन विभाग के सतत प्रयासों से बीते कुछ वर्षों में हरियाली तेजी से बढ़ी है और पूरा जिला हरा-भरा नजर आने लगा है।

देवरिया के भटनी, गौरीबाजार और रुद्रपुर रेंज के अधिकारियों की विशेष भूमिका इस कार्य में रही है। उन्होंने न केवल सड़कों के किनारे वृक्षारोपण किया, बल्कि बंजर और परित्यक्त सरकारी भूमि पर भी हजारों पौधे लगाए। यह पहल न सिर्फ जिले के सौंदर्य को बढ़ा रही है, बल्कि वातावरण को भी शुद्ध बना रही है।
भटनी रेंजर कौशल किशोर ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि भटनी रेंज की सभी सड़कों के दोनों ओर वृक्ष लगाए जाएं। इसके साथ ही सरकारी भूमि जो अब तक खाली पड़ी थी, उसे भी हरा-भरा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “हम चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध ऑक्सीजन मिले और उन्हें प्रदूषण से बचाया जा सके। इसके लिए वृक्षारोपण बेहद जरूरी है।”
गौरीबाजार रेंज में भी अवरुद्ध पूर्व रेंज अधिकारियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को भी इस अभियान में शामिल किया, जिससे जनभागीदारी बढ़ी और पेड़ लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल भी बेहतर तरीके से हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब यह जागरूकता फैल रही है कि हर व्यक्ति को कम से कम एक पौधा जरूर लगाना चाहिए।
वहीं रुद्रपुर रेंज में भी कई महत्वपूर्ण स्थानों पर पेड़ लगाए गए हैं। न सिर्फ फलदार, बल्कि छायादार वृक्षों को प्राथमिकता दी गई है ताकि लोगों को गर्मी में राहत मिल सके। वन विभाग की यह पहल स्थानीय लोगों के लिए भी प्रेरणा बन रही है। लोग सुबह की सैर करते समय इन पेड़ों के नीचे विश्राम करते हैं और बच्चों को पेड़ों की उपयोगिता सिखाते हैं।
वन विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल हो। इसके लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं जो समय-समय पर पौधों की सिंचाई और देखरेख करती हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पौधों की जीवितता दर अधिक बनी रहे।
सरकारी स्कूल, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र और रेलवे ट्रैक के किनारे भी बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया गया है। इससे न केवल पर्यावरण बेहतर होगा, बल्कि गर्मियों में लोगों को प्राकृतिक छाया भी मिलेगी। आने वाले समय में जब ये पौधे बड़े होंगे, तो देवरिया की पहचान एक हरित जिले के रूप में होगी।
देवरिया वन विभाग की यह पहल न सिर्फ पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की संयुक्त जिम्मेदारी का भी परिचायक है। यदि इसी तरह सभी लोग वृक्षारोपण को अपनाएं, तो हमारा पर्यावरण और जीवन दोनों सुरक्षित हो सकते हैं।
देवरिया की धरती अब हरियाली की ओर अग्रसर है, और इसके पीछे वन विभाग की मेहनत, जागरूकता और दृढ़ संकल्प है।