उत्तर प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। देवरिया सहित प्रदेश के 45 से अधिक जिलों में अचानक हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटों के दौरान पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश में तेज बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस समय जब खेतों में गेहूं की फसल कटाई के लिए पूरी तरह तैयार है, तब बारिश का यह सिलसिला किसानों के लिए मुसीबत बनकर आया है।

गांव-देहात के किसान इन दिनों गेहूं की फसल की कटाई में जुटे हुए हैं। कुछ किसानों ने जल्दी कटाई कर फसल को घर में सुरक्षित रख लिया है, लेकिन कई किसान अभी भी मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे फसल काट सकें। लगातार रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी के कारण कटाई का काम ठप पड़ गया है। किसान इस बात को लेकर बेहद चिंतित हैं कि अगर इसी तरह बारिश होती रही या तेज हवा चल पड़ी तो खेतों में खड़ी पकी हुई फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग ने साफ तौर पर चेताया है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है। कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना भी जताई गई है। इस चेतावनी ने पहले से ही परेशान किसानों की चिंता और बढ़ा दी है। उनका कहना है कि यदि तेज हवाएं चलीं, तो फसल झुककर जमीन पर गिर सकती है, जिससे उसे संभालना और अधिक मुश्किल हो जाएगा।
देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, बलिया, मऊ, अंबेडकरनगर और संतकबीरनगर सहित कई जिलों में गेहूं की फसल कटने को तैयार है। कुछ किसान अपने स्तर पर मौसम का अंदाजा लगाकर फसल काट भी चुके हैं, लेकिन जिन किसानों ने कटाई में थोड़ी देर कर दी, वे अब मौसम की मार से परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के चेहरे पर साफ चिंता देखी जा सकती है। हर तरफ यही चर्चा है कि कब बारिश रुकेगी और कब फसल काटी जा सकेगी।
किसानों का कहना है कि एक ओर गेहूं की कीमतों को लेकर बाजार में असमंजस बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर मौसम की अनिश्चितता ने उनकी मेहनत पर पानी फेरने की स्थिति पैदा कर दी है। फसल खेत में खड़ी है और मौसम साथ नहीं दे रहा, ऐसे में उन्हें भारी नुकसान की आशंका सता रही है। मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम की अपडेट पर लगातार नजर रखें और फसल को बचाने के लिए जरूरत के हिसाब से कदम उठाएं।
कई इलाकों में किसान सुबह से ही आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे रहते हैं कि कब बादल छटें और वे कटाई शुरू कर सकें। हल्की बूंदाबांदी भी इस वक्त भारी साबित हो रही है क्योंकि यह फसल के सूखने और उसे घर ले जाने के काम में बाधा बन रही है। मौसम की इस बेरुखी ने खासकर छोटे और सीमांत किसानों को ज्यादा प्रभावित किया है, जिनके पास फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं है।
फिलहाल मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले दो से तीन दिनों तक मौसम अस्थिर बना रहेगा और कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। ऐसे में गेहूं की कटाई की गति और धीमी हो सकती है।
इस मौसमीय बदलाव ने किसानों के सामने एक बार फिर से बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। खेतों में मेहन