उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के फतेहपुर गांव के रितिक पांडे ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए ज्योतिष विभाग में प्रथम स्थान हासिल किया। इस उपलब्धि के साथ रितिक ने गोल्ड मेडल जीता और अपने जिले का नाम रोशन किया। रितिक, जो स्वर्गीय शंभू नाथ पांडे के पुत्र हैं, ने न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे जिले का गौरव बढ़ाया है।
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रितिक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्री बैकुंठनाथ पवहारी संस्कृत महाविद्यालय से पूरी की। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गुरुजनों और परिजनों ने हर्ष व्यक्त किया है। खासकर संस्कृत महाविद्यालय परिवार के शिक्षकों, जैसे डॉक्टर योगेश कुमार चतुर्वेदी, डॉक्टर जुगल किशोर तिवारी, ओंकार नाथ पांडे, नितेश उपाध्याय, रविशंकर दुबे, संपूर्णानंद मिश्रा, प्रवीण कुमार मिश्रा, मिथिलेश कुमार शुक्ला, डॉ मनीष कुमार शुक्ला, अजय कुमार शुक्ला, डॉ विवेक उपाध्याय, डॉ अखिलेश पांडे, शैलेश पांडे, रामकेश्वर तिवारी, श्रीमती साधना मिश्रा और आचार्य सत्यजीत पांडे ने उन्हें इस अद्वितीय सफलता के लिए बधाई दी।
शिक्षा के प्रति रितिक की लगन
रितिक ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर यह उपलब्धि हासिल की है। उनके गुरुजनों का कहना है कि रितिक बचपन से ही शिक्षा के प्रति समर्पित रहे हैं। ज्योतिष जैसे जटिल विषय में प्रथम स्थान प्राप्त करना उनकी प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण है।
परिवार और जिले में खुशी का माहौल
रितिक की इस उपलब्धि पर उनके गांव और जिले में खुशी की लहर है। उनके परिवार ने बताया कि रितिक ने हमेशा से अपने पिता के सपनों को साकार करने की कोशिश की है। उनके पिता का सपना था कि रितिक शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करें। आज रितिक ने गोल्ड मेडल जीतकर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
जिले के गणमान्य व्यक्तियों ने दी शुभकामनाएं
रितिक को उनकी सफलता के लिए जिले के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्यों जैसे रिशु पांडे, जैकी तिवारी और शास्त्री BHU ने रितिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी उपलब्धि ने जिले के अन्य छात्रों को भी प्रेरित किया है।
भगवान विश्वनाथ से जुड़े संस्कार
रितिक ने अपनी सफलता का श्रेय भगवान विश्वनाथ और अपने माता-पिता को दिया। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता में भगवान के आशीर्वाद और अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन का बड़ा योगदान है।
रितिक की इस उपलब्धि से यह साबित होता है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनके इस योगदान से देवरिया जिले का नाम देशभर में गूंज रहा है।