Deoria News: देवरिया विकास भवन परिसर में कचरे का अंबार, स्वच्छता अभियान की उड़ रही धज्जियां

देवरिया जनपद का विकास भवन, जहां जिले के सभी उच्च अधिकारियों के कार्यालय स्थित हैं, वहां की बदहाल स्थिति प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। विकास भवन परिसर के अंदर ही गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे न केवल वहां काम करने वाले कर्मचारी बल्कि आने-जाने वाले लोग भी परेशान हैं। खासकर राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र के सामने फैला कचरा, बदबू और गंदगी का प्रमुख कारण बन चुका है।

प्रशिक्षण केंद्र पर आने वालों को हो रही परेशानी

देवरिया के इस सरकारी केंद्र पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए लोग आते हैं, लेकिन कचरे की दुर्गंध और फैली गंदगी के कारण उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक तरफ केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान स्वच्छता और गुणवत्ता का पाठ पढ़ाया जाता है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र के मुख्य द्वार के सामने ही कचरे का ढेर पड़ा रहता है, जिससे स्वच्छता अभियान की सच्चाई उजागर होती है।

स्वच्छता का संदेश, लेकिन हकीकत कुछ और

विकास भवन की दीवारों पर स्वच्छता अभियान के संदेश लिखे गए हैं, लेकिन ठीक उसके सामने ही कचरे का अंबार लगा हुआ है। यह दृश्य प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जब सरकारी दफ्तरों के आसपास ही गंदगी का यह हाल है, तो जिले के अन्य इलाकों की स्थिति की कल्पना करना मुश्किल नहीं है।

कर्मचारियों और अधिकारियों की अनदेखी

विकास भवन परिसर में मौजूद उच्च अधिकारी और कर्मचारी इस समस्या से अनजान नहीं हैं। हर दिन सैकड़ों लोग यहां से गुजरते हैं, लेकिन इस गंदगी को साफ कराने की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा। कई बार लोग इस समस्या की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

बीमारियों के खतरे से अंजान प्रशासन

इस गंदगी के कारण कई प्रकार की बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। बारिश के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि कचरे में पानी भरने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसके बावजूद प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।

स्वच्छता अभियान के बावजूद लापरवाही क्यों?

स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर नगर पालिका और प्रशासन को अपने क्षेत्र में सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन देवरिया विकास भवन परिसर में फैली गंदगी से साफ है कि यह अभियान केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है। सवाल यह उठता है कि जब खुद सरकारी कार्यालयों में इस तरह की लापरवाही हो रही है, तो बाकी शहर और गांवों में सफाई व्यवस्था का क्या हाल होगा?

प्रशासन को जल्द उठाने होंगे कदम

इस समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन को जल्द से जल्द सफाई अभियान चलाकर इस कचरे को हटाना चाहिए और नियमित सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा, जो अधिकारी और कर्मचारी इस समस्या की अनदेखी कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।

देवरिया शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरूरत है, वरना स्वच्छता अभियान का उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाएगा।

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