Deoria News: देवरिया की नई जिलाधिकारी दिव्या मित्तल: जानिए उनके संघर्ष और सफलता की कहानी

देवरिया। नई जिलाधिकारी दिव्या मित्तल 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने लंदन में लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर देश सेवा के लिए भारत वापसी की। दिव्या मित्तल की कहानी उनके दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत की मिसाल है। हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली दिव्या का जन्म दिल्ली में हुआ, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी प्राप्त की। दिल्ली के प्रतिष्ठित आईआईटी से बीटेक और आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने लंदन में शानदार नौकरी की, लेकिन उनका दिल हमेशा अपने देश के लिए धड़कता रहा।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

दिव्या मित्तल ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा दिल्ली में ही पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली आईआईटी से बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक के बाद उनका चयन आईआईएम बेंगलुरु के एमबीए प्रोग्राम में हुआ, जहां से उन्होंने मैनेजमेंट की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा ने उन्हें एक मजबूत नींव दी, जिसने उनके भविष्य के लिए रास्ता आसान किया।

विवाह और विदेश में नौकरी

एमबीए की पढ़ाई के बाद दिव्या की शादी गगनदीप सिंह से हुई। शादी के बाद दोनों को लंदन में लाखों रुपये के पैकेज पर नौकरी मिल गई। हालांकि, विदेश में बेहतरीन करियर और ऊँची सैलरी के बावजूद, दिव्या और उनके पति गगनदीप का मन नहीं लग सका। उनका सपना हमेशा से अपने देश में सेवा करने का था।

देश सेवा की ओर वापसी

कुछ ही दिनों बाद दोनों ने अपनी लंदन की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और भारत लौट आए। भारत वापसी के बाद दिव्या ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। 2012 में उनका चयन आईपीएस के रूप में हुआ, जहां उन्हें गुजरात कैडर मिला। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान ही दिव्या ने फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और 2013 में उनका चयन आईएएस के लिए हो गया। इस तरह, दिव्या ने अपने सपनों को साकार करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।

पेशेवर जीवन और योगदान

आईएएस अधिकारी बनने के बाद, दिव्या मित्तल ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उन्होंने बरेली विकास प्राधिकरण की वीसी, यूपीएसआईडीए की संयुक्त एमडी, सीडीओ गोंडा और मवाना मेरठ में अपने कर्तव्यों का पालन किया। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई विकास योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक लागू किया।

नीति आयोग में योगदान

नीति आयोग में सहायक सचिव के रूप में कार्य करते हुए, दिव्या मित्तल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें से एक को चुना गया। यह उनके मेहनत और काबिलियत का प्रमाण है कि वे उच्चतम स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहीं।

देवरिया में नई शुरुआत

अब दिव्या मित्तल देवरिया की जिलाधिकारी के रूप में अपनी नई भूमिका में हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और नेतृत्व क्षमता से देवरिया जिले को नई ऊँचाइयों पर पहुँचने की उम्मीद है। दिव्या मित्तल की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर आपके इरादे मजबूत हों और आप पूरी मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें, तो सफलता अवश्य मिलती है।

निजी जीवन

दिव्या मित्तल के पति गगनदीप सिंह भी एक आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में कानपुर में भारत सरकार की सेवा में कार्यरत हैं। दोनों ने मिलकर अपने सपनों को साकार किया है और देश सेवा के प्रति समर्पित हैं।

दिव्या मित्तल की यह यात्रा, एक साधारण से परिवार की लड़की से लेकर एक उच्च पदस्थ आईएएस अधिकारी बनने तक की, न केवल प्रेरणादायक है बल्कि यह बताती है कि सही दिशा, मेहनत और समर्पण के साथ कुछ भी संभव है। देवरिया के लोग अब अपनी नई जिलाधिकारी से विकास की नई उम्मीदें लगाए बैठे हैं, और दिव्या मित्तल की नेतृत्व क्षमता से उन्हें निराशा नहीं होगी।

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