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Deoria News: देवरिया के किसान ने स्ट्रॉबेरी की खेती से बदली किस्मत, हर महीने कमा रहा है लाखों रुपये – जानें कैसे करें आधुनिक खेती और कितना होता है मुनाफा

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में आज भी ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती करते हैं। गेहूं, धान, मक्का, बाजरा और सरसों जैसी फसलें किसान उगाते हैं, लेकिन इनसे होने वाला मुनाफा बहुत सीमित होता है। मौसम की मार, बाजार की अनिश्चितता और महंगी लागत के चलते कई बार किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। लेकिन अब कुछ स्मार्ट किसान पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक और व्यावसायिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं और लाखों रुपये की कमाई कर मिसाल बन रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के टारवा गांव के रहने वाले, जिन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती से करोड़ों का कारोबार खड़ा कर लिया है।

कम लागत में शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती


भाटपार रानी तहसील के टारवा गांव के इस किसान ने जब पारंपरिक खेती से मुनाफा नहीं हुआ तो उन्होंने इंटरनेट और कृषि विभाग की मदद से स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में जानकारी जुटाई। उन्होंने देखा कि विदेशों और भारत के कुछ राज्यों में इसकी काफी मांग है और मुनाफा भी अच्छा मिलता है। फिर क्या था, उन्होंने करीब एक एकड़ जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू कर दी। शुरुआत में कुछ कठिनाइयां आईं, लेकिन धीरे-धीरे सफलता उनके कदम चूमने लगी।

आज उनके खेत से रोजाना करीब 3 क्विंटल स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई होती है। बाजार में स्ट्रॉबेरी की थोक कीमत 200 से 300 रुपये प्रति किलो होती है। यानी प्रतिदिन उन्हें करीब 60 से 90 हजार रुपये तक की आमदनी हो रही है। महीने भर में यह कमाई लाखों रुपये तक पहुंच जाती है। अब यह किसान पूरे जिले में चर्चा का विषय बन चुका है और जिलाधिकारी भी उनके खेत का निरीक्षण कर उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।

कैसे होती है स्ट्रॉबेरी की खेती?


स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए ठंडा और शुष्क मौसम सबसे उपयुक्त होता है। उत्तर भारत के कई जिलों में अक्टूबर से फरवरी के बीच इसकी खेती की जाती है। स्ट्रॉबेरी के पौधे नर्सरी से लाकर खेत में लगाए जाते हैं। इन पौधों को ड्रिप इरिगेशन की सहायता से नियमित पानी देना होता है। कीटनाशकों का प्रयोग बहुत कम होता है और जैविक तरीकों से इसकी देखरेख की जा सकती है।

एक एकड़ में कितनी लागत और कितना मुनाफा?

  • लागत: स्ट्रॉबेरी की खेती में एक एकड़ की लागत लगभग 1.5 से 2 लाख रुपये आती है। इसमें पौधे, खाद, सिंचाई व्यवस्था, लेबर और पैकिंग शामिल हैं।
  • उपज: एक एकड़ से करीब 80 क्विंटल तक स्ट्रॉबेरी प्राप्त की जा सकती है।
  • कमाई: अगर थोक बाजार में भी औसतन 250 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाए, तो एक एकड़ से लगभग 20 लाख रुपये तक की कमाई संभव है।
  • मुनाफा: लागत निकालने के बाद किसान को लगभग 17-18 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हो सकता है।

कैसे करें आधुनिक खेती?

  1. इंटरनेट और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल – किसान मोबाइल ऐप्स से मौसम की जानकारी, फसल के भाव और तकनीकी सलाह ले सकते हैं।
  2. कृषि विभाग से जुड़ें – सरकार के कृषि विज्ञान केंद्र और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेकर नई तकनीकों की जानकारी ली जा सकती है।
  3. जैविक और हाईटेक खेती – पालीहाउस, मल्चिंग, ड्रिप इरिगेशन जैसे तरीकों से कम पानी में अधिक उपज ली जा सकती है।
  4. फसल विविधिकरण – एक ही फसल पर निर्भर रहने के बजाय सब्जियां, फल और औषधीय पौधों की खेती करें।
  5. प्रत्यक्ष बिक्री और प्रोसेसिंग – किसान अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकते हैं या प्रोसेस कर उत्पाद बेच सकते हैं जैसे स्ट्रॉबेरी जैम, शेक या चटनी।

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