देवरिया के प्रतिष्ठित व्यवसायी और समाजसेवी सुभाष जायसवाल हर वर्ष अपने गांव सरौरा और देवरिया शहर से सैकड़ों लोगों को निशुल्क चार धाम की यात्रा कराते हैं। समाजसेवा के क्षेत्र में उनका यह योगदान लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। इस धार्मिक यात्रा का आयोजन वह हर साल बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ करते हैं, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल होते हैं और भगवान के दर्शन करके अपने जीवन में सुख-शांति और सद्बुद्धि प्राप्त करते हैं।
सुभाष जायसवाल का मानना है कि धार्मिक यात्रा से व्यक्ति के मन में सद्बुद्धि आती है और उन्हें इस कार्य से आंतरिक शांति और सुकून की अनुभूति होती है। उनका कहना है कि समाज में बढ़ते तनाव और मानसिक अशांति को कम करने के लिए धार्मिक यात्राएं अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए वह वर्षों से अपने गांव और देवरिया शहर के विभिन्न हिस्सों से लोगों को धार्मिक स्थलों की यात्रा पर भेजते आ रहे हैं, ताकि लोग वहां जाकर भगवान की पूजा-अर्चना कर सकें और अपने जीवन में सकारात्मकता ला सकें।
इस वर्ष भी उन्होंने 150 लोगों के साथ धार्मिक यात्रा का आयोजन किया है, जिसमें तीर्थयात्री पापा धाम, बासुकीनाथ और थावे जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के दर्शन करेंगे। सुभाष जायसवाल ने बताया कि इस बार यात्रा का मुख्य आकर्षण बाबा धाम और बासुकीनाथ मंदिर के दर्शन रहेंगे, जहां श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करेंगे और विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। इसके अलावा, इस यात्रा के दौरान तीर्थयात्री गोपालगंज और बिहार के प्रसिद्ध थावे दुर्गा मंदिर में भी पूजा-अर्चना करेंगे।
यात्रा का शुभारंभ देवरिया से होगा, जहां से तीर्थयात्रियों को विशेष रूप से बस के माध्यम से सुल्तानगंज ले जाया जाएगा। सुल्तानगंज में बाबा धाम के दर्शन करने के बाद यात्री पास के बासुकीनाथ मंदिर पहुंचेंगे, जहां भगवान शिव की आराधना करेंगे। इसके बाद, थावे दुर्गा मंदिर में भव्य पूजा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी यात्री भाग लेंगे और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
यात्रा के दौरान, सुभाष जायसवाल ने यात्रियों की सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा है। बस में यात्रियों के लिए भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर विशेष पूजा-अर्चना के लिए पंडितों की भी व्यवस्था की गई है, जो श्रद्धालुओं को धार्मिक अनुष्ठान कराएंगे।
सुभाष जायसवाल ने बताया कि उनका उद्देश्य केवल तीर्थयात्रा कराना नहीं है, बल्कि समाज के लोगों को एक नई दिशा और मानसिक शांति देना है। उनके अनुसार, इस प्रकार की यात्राएं लोगों को आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक करती हैं और उन्हें जीवन के कठिनाइयों से निपटने की शक्ति प्रदान करती हैं। यही कारण है कि वह हर साल इस धार्मिक यात्रा का आयोजन करते हैं और लोगों को भगवान के दर्शन के लिए प्रेरित करते हैं।
यात्रा के समापन पर, सभी तीर्थयात्री देवरिया वापस आएंगे, जहां उनके स्वागत के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सुभाष जायसवाल के अनुसार, यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि समाज में आपसी प्रेम, सौहार्द और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देती है।
समाजसेवा के क्षेत्र में सुभाष जायसवाल का यह प्रयास लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बना चुका है। उनके द्वारा कराई जाने वाली यह चार धाम यात्रा केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक धार्मिक और सामाजिक मिशन है, जो लोगों को आत्मशांति और सद्बुद्धि की ओर अग्रसर करता है।
सुभाष जायसवाल का यह कार्य निस्संदेह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो आने वाले समय में भी इसी प्रकार से चलता रहेगा।