बागपत जनपद के दोघट थाना क्षेत्र स्थित निरपुड़ा गांव के जंगल में तेंदुए के हमले से एक किसान बाल-बाल बच गया। खेतों में पानी चलाने गए किसान पर तेंदुए ने हमला कर दिया, लेकिन किसान ने साहस दिखाते हुए अपने पास मौजूद लाठी से तेंदुए पर वार किया। तेंदुए के मुंह पर लाठी लगने से वह वापस गन्ने के खेत में भाग गया। इस घटना के बाद किसान ने भागकर अपनी जान बचाई और तुरंत ही ग्रामीणों और वन विभाग को इसकी सूचना दी। इस घटना से पूरे गांव में भय का माहौल व्याप्त हो गया है।
तेंदुए ने अचानक किया हमला
निरपुड़ा गांव के निवासी किसान ब्रजवीर उर्फ लाला ने बताया कि वह अपने खेतों में पानी देने के लिए गया हुआ था। खेत के पास ही गन्ने के बड़े खेत थे, जिनसे अचानक एक तेंदुआ निकलकर उस पर टूट पड़ा। तेंदुए के हमले से ब्रजवीर पूरी तरह से घबरा गया, लेकिन उसने तुरंत अपने पास मौजूद लाठी से तेंदुए पर वार कर दिया। लाठी सीधा तेंदुए के मुंह पर लगी, जिससे वह पीछे हट गया और गन्ने के खेतों में वापस चला गया। इस घटना के बाद ब्रजवीर ने शोर मचाया और दौड़ते हुए मुख्य रास्ते की ओर भाग निकला।
ग्रामीणों में फैली दहशत
किसान ब्रजवीर की आवाज सुनकर आस-पास के अन्य किसान भी वहां पहुंच गए। उन्होंने तुरंत ही घटना की सूचना डायल 112 पुलिस को दी। पुलिस ने वन विभाग को भी इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब तेंदुए की गतिविधियां इस इलाके में देखी गई हैं। इससे पहले भी लगभग एक माह पूर्व इसी जंगल में एक मृत तेंदुआ शावक मिला था।
पुलिस और वन विभाग की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही सब-इंस्पेक्टर नत्थूलाल अपनी पुलिस टीम और वन विभाग के अधिकारी संजीव कुमार के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस और वन विभाग की टीम ने जंगल में कांबिंग ऑपरेशन चलाया, लेकिन तेंदुए का कोई पता नहीं चल पाया। वन विभाग के कर्मचारियों ने आसपास के क्षेत्रों की भी तलाशी ली, लेकिन तेंदुआ कहीं दिखाई नहीं दिया।
वन रक्षक संजीव कुमार ने किसानों से अपील की है कि वे इस इलाके में सावधानी बरतें। खासकर छोटे बच्चों को जंगल की ओर लेकर न जाएं और रात के समय बिना टार्च या किसी अन्य रोशनी के खेतों में न जाएं। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि खेतों में जाते समय लाठी या डंडे लेकर जाएं ताकि जरूरत पड़ने पर वे आत्मरक्षा कर सकें।
गांव में भय का माहौल
इस घटना के बाद निरपुड़ा गांव के किसानों में भय का माहौल है। किसानों का कहना है कि तेंदुए का बार-बार जंगल में दिखाई देना चिंताजनक है और वन विभाग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। एक किसान ने बताया, “पहले भी तेंदुए के शावक का शव यहां मिला था, जिससे यह साफ होता है कि तेंदुआ अभी भी इसी इलाके में मौजूद है। हमें डर है कि तेंदुआ फिर से हमला कर सकता है।”
वन विभाग की अपील
वन विभाग ने इस घटना के बाद ग्रामीणों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। विभाग का कहना है कि तेंदुए के इलाके में होने की पुष्टि हो चुकी है, और इसके चलते गांववालों को विशेष रूप से रात के समय जंगल के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। छोटे बच्चों को भी जंगल या खेतों में अकेले न भेजा जाए ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
वन रक्षक संजीव कुमार ने बताया कि तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जंगल में विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि तेंदुए के बारे में वन विभाग की टीम द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि उसे पकड़कर सुरक्षित जगह पर भेजा जा सके।
तेंदुए के हमले का डर
किसानों का कहना है कि उन्हें अपने खेतों में काम करने में अब डर महसूस हो रहा है। गन्ने के खेत घने होने के कारण तेंदुआ आसानी से छिप सकता है और अचानक हमला कर सकता है। किसानों ने वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
इस घटना ने पूरे गांव में दहशत फैला दी है। किसान अब अपने खेतों में अकेले जाने से डर रहे हैं और दिन में भी काम करते समय लाठी और डंडे लेकर जा रहे हैं।
वन विभाग ने भी किसानों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की है।