। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल के एमसीएच विंग से रविवार से पल्स पोलियो अभियान अभियान का शुभारंभ सीडीओ प्रत्यूष पाण्डेय ने बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाकर किया। पहले दिन बूथ दिवस मनाया गया जिसमें 1759 बूथ के जरिये शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो से बचाव की दवा पिलाई गयी।
इस मौके पर सीडीओ प्रत्यूष पाण्डेय ने कहा कि इजरायल में वर्ष 1989 के बाद वर्ष 2022 में पोलियो के केस पाए गए । मोजाम्बिक में इसी साल पोलियो के मामले रिपोर्ट हुए हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पोलियो के केस निकले हैं । ऐसी स्थिति में देश के अन्य बारह राज्यों के साथ साथ प्रदेश के 50 जिलों में भी पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की गई। पल्स पोलियो का वायरस जब तक किसी भी देश में बचा हुआ है, सभी देशों को बचाव के उपाय करने होंगी । इसी उद्देश्य से देश के 12 संवेदनशील राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में इस बार 10 दिसम्बर को पोलियो के लिए उप राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जा रहा है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि 944 टीम सोमवार से 15 दिसम्बर तक घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। जो बच्चे छूट जाएंगे उन्हें 17 दिसम्बर को बी टीम दवा पिलाएगी । इस बार 5.15 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो का ड्रॉप बच्चों को जन्म के समय भी पिलाया जाता है। इसके बाद छह, दस और चौदह सप्ताह पर बच्चों को यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर डोज सोलह से चौबीस महीने की उम्र में दी जाती है । यह सभी डोज नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों और टीकाकरण सत्रों पर दिये जाते हैं। इनके अलावा भी अभियान के दौरान बच्चों द्वारा दवा का सेवन अनिवार्य है।
इस मौके पर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ राजेश बरनवाल, सीएमएस डॉ एचके मिश्रा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ संजय गुप्ता, अरबन नोडल अधिकारी डॉ आरपी यादव, यूनिसेफ के डीएमसी अरशद जमाल, डीसीपीएम राजेश गुप्ता, एआरओ राकेश चंद प्रमुख तौर पर उपस्थित रहे ।
संक्रामक वायरल रोग है पोलियो
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ संजय गुप्ता ने बताया कि पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो पांच साल से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है। यह मल, मौखिक मार्ग, दूषित पानी, आहार आदि के माध्यम से फैलता है। यह आंत में पनपता है और वहां से तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर पक्षाघात उत्पन्न करता है । पोलियो के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द शामिल है। इसके कारण होने वाले दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण से दिव्यांगता का खतरा रहता है। वैश्विक स्तर पर इसके कारण होने वाले पक्षाघात से पांच से दस फीसदी मामलों में मौत भी हो जाती है ।
दवा है पूरी तरह सुरक्षित
रामनाथ नगर में लगे बूथ पर अपने ढाई वर्षीय बच्चे को दवा सेवन करवाने वाली बिपाशा त्रिपाठी ने बताया कि वह पहले भी अपने पाल्य को पल्स पोलियो की दवा का सेवन करवा चुके हैं। यह सुरक्षित और असरदार है। सभी लोगों को अपने बच्चों को पल्स पोलिये से बचाव की दवा अवश्य पिलानी चाहिए।