if you do not get a place in the general bogie, you can travel in another bogie, know what are the rules in full detail
देश में रेलवे से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं क्योंकि यातायात का सबसे सस्ता साधन होने के कारण यात्रियों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है कई बार तो ट्रेन जनरल डिब्बा भी इतना भीड़ इतना होता है कि उसमें पैर तक रखने की जगह नहीं होती है इसमें यात्रियों की बहुत दिक्कत होती है ऐसे में क्या हम जनरल बोगी में से किसी अन्य बोगी में यात्रा कर सकते हैं भीड़ होने के कारण यह सवाल सबके मन में बना रहता है इस स्थिति में जनरल टिकट से स्लीपर बोगी का यात्रा की जा सकती है इसके बारे में विस्तार से जानते है
जनरल बोगी से स्लीपर क्लास में यात्रा का नियम Rules for traveling from general bogie to sleeper class
आई बात करते हैं हम जनरल बोगी से स्लीपर बोगी में कैसे जा सकते हैं अगर आप स्लीपर वाले बोगी में चढ़ते हैं और आपके पास जनरल का टिकट है तो आप सबसे पहले टीटी को ढूंढ लेंगे और उनसे मिलकर आप अपनी बातें बताएंगे कि हां हमने इस कारण से इसमें इस बोगी में चढ़ा है इन परिस्थितियों में अपने स्लीपर क्लास में प्रवेश किया है अगर कोई सीट खाली हुई तो टीटीई आपसे दोनों तरफ की यात्रा की टिकट का अंतर लेकर स्लीपर क्लास का टिकट बना देगा अगर कोई सीट खाली नहीं है तो अगले स्टेशन तक यात्रा करने का अनुमति देगा इसके बाद भी अगर आप स्लीपर क्लास से बाहर नहीं जाते हैं तो आपको ₹250 का जुर्माना भरना पड़ेगा अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं अगर आपके पास ₹250 नहीं है तो टीटी आपका चालान काट देता है जिसके बाद न्यायालय में जाकर उसको जमा कर सकते हैं
अगर आपने टिकट खरीद लिया है और जो टिकट का समय है उसके भीतर कोई दूसरी ट्रेन का विकल्प नहीं है कोई दूसरी ट्रेन नहीं आने वाली है तब आप स्लीपर क्लास में आसानी से यात्रा कर सकता है लेकिन आपको किसी भी खाली सीट पर आपको बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी रेलवे अधिनियम की धारा 138 के तहत ट्रेन में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले आपको टीटी को ढूंढना होगा और उनसे मिलकर अपनी बात को बताना होगा कि हमें इस प्रॉब्लम से स्लीपर बोगी में चढ़ना पड़ा
जनरल टिकट के क्या है नियम What are the rules of general ticket
आई हम जानते हैं कि जनरल टिकट के क्या नियम है अगर आप कुछ विभिन्न परिस्थितियों में है तो आप बिल्कुल ऐसा कर सकते हैं लेकिन उसका कुछ नियम और शर्तें भी हैं जिसे हमने ऊपर लाइनों में आपको हमने विस्तार रूप में बताया है आप वहां जाकर देख सकते हैं इन्हें आपको जानना बेहद जरूरी है मान लीजिए आपकी कोई विभिन्न परिस्थिति मैं हैं तो आप जनरल बोगी की जगह स्लीपर में चले गए तो आप क्या करेंगे तो इसके लिए बहुत सारे नियम बनाए गए हैं जिससे आप आसानी से जान सकते हैं जो हमने ऊपर लाइन में इसको अच्छी तरीके से समझाया और बताया है तो आप वहां जाकर उसको जान सकते हैं और यह जानना के लिए बेहद जरूरी हो जाता है
आखिर टिकट की वैलिडिटी कितनी देर तक रहती है After all, how long is the validity of the ticket
मान लीजिए आपने टिकट ले लिया और जो ट्रेन का समय है काफी टाईम बाद है और आपने लंबे समय तक इधर-उधर घूमने चले गए और फिर आए तो ट्रेन निकल चुकी है तो आप क्या करेंगे तो यह आपके लिए जाना भी जरूरी है हो जाता है कि टिकट का जो वैलिडिटी है कितने समय तक रहता है कि उसके हिसाब से हम अपने टाइम को अर्जेस्ट करेंगे तो आईए इसके के बारे में हम विधवत तरीके से जानते हैं कि टिकट को लेने के बाद कितने देर तक उसकी वैलिडिटी बनी रहती है रेलवे अधिनियम 1889 के अनुसार अगर आपकी जो यात्रा है वह 199 किलोमीटर से कम दूरी की है तो जो आपकी टिकट कि समय होगी वह 3 घंटा तक आप को दिया जाएगा 3 घंटे तक आपका वैलिड माना जाएगा अगर दूरी इससे ज्यादा है तो जो टिकट की वैलिडिटी होगी उसको 24 घंटे तक माना जाएगा इन सब बातों को आप विशेष ध्यान दें और यह आपके लिए जानने के लिए बेहद जरूरी हो जाता है