देवरिया। भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और संविधान में नागरिकों को मिले कानूनी अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) देवरिया के तत्वावधान में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक विधिक साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला पंचायत सभागार, देवरिया में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में आमजनमानस, सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री मनोज कुमार तिवारी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध का जीवन दर्शन आज के समाज के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि बुद्ध के विचारों में प्रेम, करुणा, शांति, अहिंसा, त्याग और संयम जैसे गुण समाहित हैं, जो किसी भी व्यक्ति को एक बेहतर इंसान बना सकते हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग की चर्चा करते हुए बताया कि इस मार्ग पर चलकर व्यक्ति सम्यक दृष्टिकोण, सम्यक आचरण और सम्यक जीवनशैली को अपनाकर जीवन को संतुलित बना सकता है।
श्री तिवारी ने कहा कि भगवान बुद्ध का दर्शन मानववाद पर आधारित है, जो भारतीय संविधान की भावना से पूरी तरह मेल खाता है। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 51 (क) प्रत्येक नागरिक से वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवीय संवेदना, सुधार की भावना और ज्ञान प्राप्ति को बढ़ावा देने की अपेक्षा करता है। साथ ही उन्होंने अनुच्छेद 39(ए) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अनुच्छेद समाज के वंचित और कमजोर वर्गों को न्याय तक समान अवसर और निःशुल्क कानूनी सहायता सुनिश्चित करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि समाज के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निःशुल्क विधिक सहायता मिल सके।
कार्यक्रम के दौरान लोगों को कानूनी अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता पाने की प्रक्रिया, डीएलएसए की सेवाएं, और न्यायालय में प्रतिनिधित्व जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। श्री तिवारी ने यह भी बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण आम नागरिकों को कानूनी सलाह देने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और न्याय प्राप्त करने में सहायता करने के लिए निरंतर कार्यरत है।
इस अवसर पर महन्थ त्रिवेणी पर्वत इंटर कॉलेज, विशुनपुरा बाजार के प्रतिनिधियों सहित आमजन, सामाजिक कार्यकर्ता और कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में लोगों ने विधिक सेवा प्राधिकरण के इस प्रयास की सराहना की और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम न सिर्फ बुद्ध पूर्णिमा के आध्यात्मिक संदेश को लेकर आया, बल्कि समाज में विधिक जागरूकता की एक नई लौ भी जगाई।