देवरिया जिले के थाना खुखुन्दू क्षेत्र में यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल का बड़ा मामला सामने आया है। श्री बलदेव स्वामी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बैरौना में हाई स्कूल की गणित परीक्षा के दौरान दो युवक दूसरे छात्रों के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़े गए। कड़ी जांच के बाद उनकी पहचान फर्जी परीक्षार्थियों के रूप में हुई। एक आरोपी के पास से कूट रचित आधार कार्ड भी बरामद किया गया। परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक की तहरीर पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

कैसे हुआ खुलासा?
शनिवार को यूपी बोर्ड की हाई स्कूल गणित की परीक्षा प्रथम पाली में चल रही थी। परीक्षा केंद्र पर नकल रोकने के लिए सख्त निगरानी की जा रही थी। इसी दौरान कक्ष संख्या 4 में परीक्षा दे रहे दो छात्रों पर संदेह हुआ। केंद्र पर मौजूद अधिकारियों और वीक्षकों ने जब इनकी गहन जांच की, तो दोनों परीक्षार्थियों की पहचान फर्जी निकली।
जांच में पता चला कि एक आरोपी अवनीश यादव, पुत्र परिखन यादव, निवासी रानीघाट, जनपद देवरिया है, जो किसी अन्य छात्र के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। दूसरे परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे युवक की उम्र कम होने के कारण उसे बाल अपचारी माना गया है। ये दोनों परीक्षा में दूसरे छात्रों की जगह बैठकर नकल करने की कोशिश कर रहे थे।
फर्जी आधार कार्ड भी बरामद
पुलिस ने जांच के दौरान एक आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किया। यह आधार कार्ड कूट रचित तरीके से तैयार किया गया था, जिससे परीक्षा केंद्र के अधिकारियों को गुमराह किया जा सके। फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल की पुष्टि होते ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गई।
तहरीर के आधार पर मामला दर्ज
श्री बलदेव स्वामी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बैरौना के केंद्र व्यवस्थापक ने इस पूरे मामले की लिखित तहरीर पुलिस को दी। तहरीर के आधार पर थाना खुखुन्दू में दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई नियमानुसार होगी।
नकल रोकने के लिए प्रशासन सख्त
यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए प्रशासन इस बार बेहद सतर्क है। परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरों की मदद से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। इस मामले के खुलासे के बाद प्रशासन और सख्त कार्रवाई के निर्देश दे सकता है।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं फर्जी परीक्षार्थी
यूपी बोर्ड परीक्षाओं में फर्जी परीक्षार्थियों का मामला कोई नया नहीं है। हर साल कुछ ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां छात्र नकल कराने के लिए दूसरे छात्रों को अपनी जगह परीक्षा देने भेज देते हैं। लेकिन इस बार प्रशासन की कड़ी सतर्कता के चलते कई परीक्षा केंद्रों पर फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया है।
क्या होगी आरोपियों को सजा?
इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और परीक्षा में फर्जी तरीके से बैठने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो आरोपियों को कड़ी सजा हो सकती है। इसके अलावा, जिन वास्तविक छात्रों की जगह ये परीक्षा दे रहे थे, उन पर भी प्रशासन कार्रवाई कर सकता है।
नकल रोकने के लिए उठाए गए कदम
इस साल यूपी बोर्ड ने नकल रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। परीक्षा केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट और फ्लाइंग स्क्वायड की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं। परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
छात्रों और अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत
इस तरह के मामलों को देखते हुए छात्रों और उनके अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है। नकल या फर्जी परीक्षार्थी भेजने की कोशिश से न केवल छात्र का करियर खराब हो सकता है, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। परीक्षा में निष्पक्षता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
देवरिया के परीक्षा केंद्र पर पकड़े गए दो फर्जी परीक्षार्थियों ने यह साबित कर दिया कि नकल माफिया अभी भी सक्रिय हैं। लेकिन प्रशासन की सख्ती और सतर्कता के चलते ऐसे मामलों पर तेजी से कार्रवाई हो रही है। परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना सभी छात्रों के लिए अनिवार्य है।