Deoria News: देवरिया में सही तकनीक और देखभाल से पत्तागोभी बनी किसानों के लिए मुनाफे की फसल

देवरिया: पत्तागोभी की खेती ठंडे मौसम की एक महत्वपूर्ण फसल मानी जाती है, जो किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करती है। सही तकनीक और देखभाल के साथ यह फसल किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो रही है।

पत्तागोभी की खेती की प्रक्रिया

जिला उद्यान अधिकारी राम सिंह यादव के अनुसार, पत्तागोभी की खेती के लिए जनवरी-फरवरी में नर्सरी तैयार करना अत्यंत आवश्यक है। इस फसल को उगाने के लिए बसंत ऋतु के अंतिम पाले से 6-8 सप्ताह पहले बीजों को क्यारियों या गमलों में लगाया जाता है। बीज अंकुरित होने के लगभग 40-50 दिन बाद पौधों को खेत में रोपना चाहिए। रोपाई के लिए समतल क्यारियों का उपयोग करना चाहिए, जिसमें पंक्तियों के बीच 45-60 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 30-45 सेंटीमीटर की दूरी रखना जरूरी है।

पत्तागोभी की बेहतर उपज के लिए खेत की मिट्टी को भुरभुरा बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए खेत की लंबवत और क्षैतिज जोताई की जानी चाहिए। मिट्टी में 20-30 टन गोबर की खाद मिलाने से पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे उनकी वृद्धि और उपज में सुधार होता है। इसके साथ ही पौधों को नियमित रूप से 10-15 दिन के अंतराल पर सुबह और शाम पानी देना चाहिए।

उन्नत तकनीकों और देखभाल का महत्व

जिप्सम का उपयोग पत्तागोभी की फसल की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक होता है। सही देखभाल और उन्नत तकनीकों के उपयोग से किसान प्रति हेक्टेयर औसतन 30-70 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं।

ग्राम बरियारपुर, विकास खंड रामपुर कारखाना के किसान सुरेंद्र चौहान ने इस फसल की खेती कर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उन्होंने केवल 0.20 हेक्टेयर क्षेत्र में पत्तागोभी उगाकर 15-20 हजार रुपये के निवेश से 45-50 हजार रुपये की आय अर्जित की। यह सफलता जिला उद्यान विभाग के मार्गदर्शन और उन्नत कृषि तकनीकों के सही उपयोग के कारण संभव हुई।

किसानों के लिए मार्गदर्शन और योजनाओं का लाभ

जिला उद्यान अधिकारी ने सभी किसानों से अपील की है कि वे उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं। साथ ही, उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि करें। उन्होंने कहा कि पत्तागोभी जैसी फसलें, यदि सही मार्गदर्शन और समय पर देखभाल के साथ उगाई जाएं, तो किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकती हैं।

फसल की विशेषताएं और लाभ

पत्तागोभी न केवल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है, बल्कि इसे उगाने के लिए बहुत ज्यादा संसाधनों की आवश्यकता भी नहीं होती। सही समय पर पानी और पोषण देने से इसकी गुणवत्ता और बाजार मूल्य में बढ़ोतरी होती है। यह फसल बाजार में हमेशा मांग में रहती है, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलता है।

किसानों के अनुभव और सुझाव

किसान सुरेंद्र चौहान का कहना है कि उन्होंने उद्यान विभाग के सहयोग से पत्तागोभी की खेती शुरू की थी। शुरुआती चरण में उन्होंने उन्नत बीज, खाद, और सिंचाई की सही तकनीकों का उपयोग किया। उनके अनुसार, पत्तागोभी की खेती से न केवल उन्हें अच्छी आमदनी हुई, बल्कि अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली।

पत्तागोभी की खेती सही देखभाल और तकनीक के साथ किसानों के लिए एक बड़ी आर्थिक संभावना बन सकती है। उद्यान विभाग का मार्गदर्शन और उन्नत कृषि तकनीकें किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पत्तागोभी जैसी लाभकारी फसलों को अपनाकर वे अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।

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