देवरिया जिले के नगर पंचायत रुद्रपुर में शुक्रवार की रात एक बड़े हादसे में रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से एक ही परिवार के आठ लोग बुरी तरह झुलस गए। यह घटना पश्चिमी तिवारी टोला वार्ड में रात करीब 9:15 बजे हुई, जब परिवार खाना बना रहा था। इस हादसे में घायल सभी लोगों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
घटना का पूरा विवरण
पश्चिमी तिवारी टोला वार्ड के निवासी लोकनाथ धोबी के परिवार के चार बेटे—विनोद, राजेश, दुर्गेश, और गुड्डू—अपने-अपने परिवार के साथ एक ही घर में अलग-अलग रहते हैं। शुक्रवार रात विनोद के घर खाना बनाते समय अचानक रसोई गैस सिलेंडर में आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि उसे बुझाने की कोशिश में परिवार के अन्य सदस्य भी चपेट में आ गए।
झुलसने वाले लोग
इस हादसे में आठ लोग झुलस गए। इनमें शामिल हैं:
- सुनीता (दुर्गेश की पत्नी)
- सलोनी (11 वर्ष, विनोद की बेटी)
- विनोद (लोकनाथ के पुत्र)
- सुमन (विनोद की पत्नी)
- फूलबदन (राजेश की पत्नी)
- अनिका (लोकनाथ की बेटी)
- गोपाल (6 वर्ष, कमलेश का पुत्र)
- सावन (4 वर्ष, दुर्गेश का पुत्र)
इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रुद्रपुर पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी को मेडिकल कॉलेज देवरिया रेफर कर दिया।
पुलिस ने दी जानकारी
घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाल रतन कुमार पांडेय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया, “एक ही परिवार के आठ सदस्य रसोई गैस सिलेंडर में लगी आग की चपेट में आकर झुलस गए हैं। सभी को मेडिकल कॉलेज देवरिया में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है।”
हादसे के कारण और सावधानी की जरूरत
रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने का मुख्य कारण गैस का रिसाव बताया जा रहा है। यह घटना रसोई गैस के उपयोग में सतर्कता और सुरक्षा उपायों की अनदेखी का परिणाम हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, रसोई गैस सिलेंडर के उपयोग के समय इन सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है:
- गैस चूल्हा जलाने से पहले गैस रिसाव की जांच करें।
- सिलेंडर को हमेशा अच्छी तरह हवादार स्थान पर रखें।
- आग लगने की स्थिति में तुरंत गैस सप्लाई बंद करें और अग्निशमन उपकरण का उपयोग करें।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
इस घटना ने नगर पंचायत प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की भूमिका भी चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने और फायर सेफ्टी उपायों को मजबूत करने की मांग की है।
वर्तमान स्थिति
मेडिकल कॉलेज देवरिया में सभी घायल व्यक्तियों का इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि अन्य को जल्द ही राहत मिलने की संभावना है। परिवार और स्थानीय लोग हादसे से सदमे में हैं और पीड़ितों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
इस घटना ने रसोई गैस सिलेंडर के सुरक्षित उपयोग की अनिवार्यता पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है। जागरूकता और सतर्कता से इस तरह के हादसों को रोका जा सकता है।